Wednesday 23 May 2012

नहीं रहे बाबा जय गुरुदेव

   बाबा जय गुरुदेव का 116 वर्ष की उम्र में शुक्रवार, 18 मई 2012 की रात मथुरा में निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। आश्रम प्रबंधकों के अनुसार दस दिन गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में इलाज कराने के बाद उन्हें उनकी इच्छानुसार मथुरा स्थित आश्रम लाया गया था, जहां रात नौ बजकर 52 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। सोमवार को उनका हिंदू रीति-रिवाज से आश्रम परिसर में दाह संस्कार किया गया। उनके ड्रायवर ने उन्हें मुखाग्नि दी। वहां उपस्थित लाखों भक्तों ने रुंधे गले से बाबा को अंतिम विदाई दी।20 करोड़ भक्तों के देवतुल्य बाबा अब इस दुनिया में नहीं हैं। बाबा जय गुरुदेव का निधन एक युग का अंत है।
  मुझे याद है कि बचपन में बाबा जयगुरुदेव के अनुयायियों को टाट के कपड़े पहनकर घूमते देखना काफी कुतूहल भरा था। उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले में बाबा के काफी अनुयायी थे। अब काफी कम रह गए हैं। बाबा के अनुयायी बड़े धैर्य से अपनी बात रखते और शाकाहार व टाट के कपड़े पहनने के औचित्य को जायज ठहराते थे। बाबा के निधन की खबर से बचपन
की तमाम यादें ताजी हो उठी हैं। यह भी याद है कि कानपुर में एक जनसभा में उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्रबोस के प्रकट होने का दावा कर दिया था। काफी होहल्ला मचा था। 
  आज से करीब 115 साल पहले उत्तरप्रदेश के इटावा जिले के अंतर्गत खितोरा स्थित नील की कोठी नामक निर्जन स्थान पर परम संत स्वामी तुलसीदास का जन्म हुआ था। वे वर्तमान में जय गुरूदेव बाबा के नाम से जाने जाते थे। उनका वास्तविक नाम तुलसीदास था, जिसे बहुत कम लोग ही जानते होंगे। अपने प्रत्येक कार्य में अपने गुरुदेव का स्मरण कर, गुरु के महत्व को सर्वोपरि रखने वाले और जय गुरुदेव का उद्घोष करने वाले बाबा जय गुरुदेव इसी नाम से प्रसिद्ध हो गए।

परम संत बाबा जय गुरुदेव महाराज का आश्रम उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर लगभग डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर बना हुआ है। वे सन् 1952 से अध्यात्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उनका नारा ‘जयगुरु देव, सतयुग आएगा’ था तथा उसके प्रचार का खास माध्यम दीवारें होती थी।

बाबा जय गुरुदेव के गुरु घूरेलालजी (दादा गुरु) थे, जो अलीगढ़ के चिरौली ग्राम के निवासी थे। संत घूरेलालजी के दो‍ शिष्य थे। एक चंद्रमादास और दूसरे तुलसीदास (जय बाबा गुरुदेव)। कालांतर में चंद्रमादास भी नहीं रहे। गांव चिरौली में गुरु के आश्रम को राधास्वामी सत्संग भवन के नाम से जाना जाता है। वहां घूरेलाल महाराज के सत्संग भवन के साथ चंद्रमादास का समाधि स्थल भी है।

बाबा वर्षों तक अपने गुरु के साथ झोपड़ी में रहें। गुरु घूरेलालजी ने बाबा को यह आदेश दिया था कि वे मथुरा के किसी एकांत स्थान पर आश्रम बनाकर गरीबों की सेवा करें। जब गुरु घूरेलालजी सन् 1948 में ब्रह्मलीन हो गए तब बाबा ने अपने गुरु स्थान चिरौली के नाम पर सन् 1953 में मथुरा के कृष्णा नगर में चिरौली संत आश्रम की स्थापना से अपने मिशन की शुरुआत की। अपने आश्रम में गुरु घूरेलालजी महाराज की पुण्य स्मृति में उन्होंने सफेद संगमरमर से निर्मित 160 फुट ऊंचे योग साधना मंदिर का निर्माण कराया।

यह समूचे ब्रज का सबसे ऊंचा व अनोखा मंदिर माना जाता है। यह मंदिर देखने से ताजमहल जैसा प्रतीत होता है, जिसकी डिजाइन में मंदिर-मस्जिद का मिलाजुला रूप है दिखाई देता है। यहां 200 फुट लंबा व 100 फुट चौड़ा हॉल बना हुआ है, जिसमें सत्संग के दौरान लगभग पचास-साठ हजार व्यक्ति एक साथ बैठ सकते हैं।

बाबा जय गुरुदेव ने अपनी साधना के बल पर ही इतना बड़ा आध्यात्मिक साम्राज्य स्थापित किया था। बाबा के देश-विदेश में 20 करोड़ से ज्यादा अनुयायी हैं। बाबा कहते थे- शरीर तो किराए की कोठरी है, इसके लिए 23 घंटे दो लेकिन इस मंदिर में बसने वाले देव यानी आत्मा के लिए कम से कम एक घंटा जरूर निकालो। इससे ईश्वर प्राप्ति सहज हो जाएगी। वे कहते थे- दुनिया में हर मर्ज की दवा है, हर समस्या का हल है, बस गुरु की शरण में चले आओ। बाबा की सोच व विचार गांव और गरीब दोनों से जुड़े थे।
दुनिया भर को शाकाहारी‍ जीवन जीने का संदेश देने वाले बाबा जय गुरुदेव जीवन भर समाजसेवा में लगे रहे। उन्होंने गरीब तबके के लिए निशुल्क शिक्षण संस्थाएं व अस्पताल शुरू किए। बाबा ने अपने जीवनकाल में निशुल्क शिक्षा-चिकित्सा, दहेज रहित सामूहिक विवाह, आध्यात्मिक साधना, मद्यपान निषेध, शाकाहारी भोजन तथा वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया। सभी शाकाहारी जीवन अपनाएं यही बाबा जय गुरुदेव की अपील है। ( विवरण- साभार वेबदुनिया )


Tuesday 22 May 2012

पूर्व क्रिकेटरों में बांटे जाएंगे 70 करोड़ रुपए

 सम्मानित किए जाने वाले पूर्व क्रिकेटरों की सूची से कपिल को बाहर रखा बीसीसीआई ने

 
अपने बागी तेवरों के कारण अक्सर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की आंखों की किरकिरी बने रहने वाले विश्व कप विजेता पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव को एक बार फिर बीसीसीआई के सौतेले व्यवहार का सामना करना पड़ा है।

बोर्ड ने आईपीएल-5 के प्लेऑफ के दौरान पूर्व टेस्ट क्रिकेटरों को आमंत्रित किया है और एक भी टेस्ट खेल चुके क्रिकेटर को बोर्ड की ओर से सम्मान चैक दिए जाने हैं लेकिन टेस्ट इतिहास में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज कपिल देव का नाम उन आमंत्रित खिलाड़ियों की सूची से गायब है जिन्हें प्लेऑफ के दौरान सम्मानित करने की घोषणा बीसीसीआई ने सोमवार को की थी।

कपिल के समकालीन सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री तथा उनके बाद क्रिकेट खेले अभय कुरुविला जैसे क्रिकेटर तो इस सूची में शामिल हैं लेकिन कपिल का नाम सिरे से नदारद है। हालांकि बोर्ड ने पहले ही स्पष्टीकरण दिया है कि सभी पूर्व खिलाड़ियों को स्टेडियम में बुलाना संभव नहीं है इसलिए कुछ को उनके हिस्से की सम्मान राशि का चैक उनके घर भेज दिया जाएगा लेकिन सवाल यह उठता है कि बुलाए गए खिलाड़ियों को वरीयता देने का आधार क्या है?

434 टेस्ट विकेट लेकर न्यूजीलैंड के रिचर्ड हैडली का रिकॉर्ड तोडने से पहले कपिल भारत की पहली विश्व विजेता टीम का नेतृत्व कर चुके थे और बतौर ऑलराउंडर आज भी उनकी मिसाल दी जाती है। ऐसे में किसी भी असमर्थता के बहाने कपिल को नजरअंदाज करना गले से नहीं उतरता है।

तेज़ गेंदबाजों की बात करें तो कपिल सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने के मामले में भारत में शीर्ष पर हैं तो दुनिया में भी ज्यादा पीछे नहीं हैं। टेस्ट इतिहास में केवल दो तेज गेंदबाज वेस्टइंडीज के कोर्टनी वॉल्श (519) और ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैग्राथ (563) ही कपिल से ज्यादा विकेट हासिल कर पाए हैं। वैसे टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ अनिल कुंबले हैं, जिन्होंने 132 टेस्ट में 619 विकेट चटकाए हैं, लेकिन जब बात तेज़ गेंदबाज की आती है तो इस मामले में कपिल भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ हैं।

बीसीसीआई ने पूर्व वनडे खिलाड़ियों को भी (जिन्होंने कम से कम एक टेस्ट खेला हो) उनके तीन वनडे को एक टेस्ट के बराबर तदनुसार सम्मान राशि देने की बात कही है और कपिल ने ही 1983 के विश्व कप से भारत की पहचान वनडे की दुनिया में स्थापित करवाई थी।

अकसर कपिल भारतीय क्रिकेट के कुप्रबंधन को लेकर बीसीसीआई पर निशाना साधते रहे हैं। क्या उन्हें इसी बात का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। या फिर इस बात का कि वह कुछ वर्ष पहले कथित बागी इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) से जुड़े थे। मसला चाहे जो भी लेकिन भारतीय टेस्ट जगत के इतने बड़े जलसे से कपिल का नदारद रहना कहीं से न्यायोचित नहीं दिखता है।

हालांकि बोर्ड ने अपने धुर आलोचकों में शुमार पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और गाहे बगाहे कपिल के सुर में सुर मिलाने वाले 1983 की विश्व विजेता टीम के उनके साथी मदन लाल को क्रमश 27 मई के फाइनल और 25 मई के दूसरे क्वालीफायर से होने वाले समारोहों में आमंत्रित किया है। (वार्ता)

पूर्व क्रिकेटरों में बांटे जाएंगे 70 करोड़ रुपए
चैक लेने के लिए पूर्व क्रिकेटर आमंत्रित


भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सुनील गावस्कर सहित 65 पूर्व क्रिकेटरों को आईपीएल के प्लेऑफ मुकाबलों के दौरान चैक लेने के लिए आमंत्रित किया है। वर्ष 2003-04 से पहले संन्यास ले चुके 160 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को वन टाइम बेनिफिट स्कीम के तहत आईपीएल के सरप्लस फंड से कुल 70 करोड़ रुपए की नकद राशि दी जाएगी।

बोर्ड ने एक बयान में कहा कि सभी लाभार्थियों को आमंत्रित करना संभव नहीं है और जिन्हें नहीं बुलाया गया है उन्हें चैक भेज दिए जाएंगे। दिवंगत हो चुके चार खिलाड़ियों की विधवाओं को 27 मई को चेन्नई में होने वाले आईपीएल 5 के खिताबी मुकाबले के दिन चैक लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने कहा कुछ लाभार्थियों को आईपीएल 5 के प्लेऑफ स्थलों पर बुलाया गया है। उन्हें वहां मैच शुरू होने से पहले चैक प्रदान किए जाएंगे। इस योजना के तहत 100 से अधिक टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी को डेढ़ करोड़ रुपए और 75 से 99 टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी को एक करोड रुपए दिए जाएंगे।

इसी तरह 50 से 74 टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी को 75 लाख रुपए और 25 से 49 टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी को 60 लाख रुपए मिलेंगे। 10 से 24 टेस्ट खेलने वाले पूर्व क्रिकेटर को 50 लाख और एक से नौ टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी तथा 1970 से पहले अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले खिलाड़ी को 35 लाख रुपए मिलेंगे।

100 या उससे अधिक प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले खिलाड़ी को 30 लाख रुपए जबकि 75 से 99 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले खिलाड़ी को 25 लाख रुपए मिलेंगे1 इस सूची में वनडे खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया है और तीन वनडे को एक टेस्ट माना गया है लेकिन इसके लिए क्रिकेटर का कम से कम एक टेस्ट खेला होना जरूरी है।

चेन्नई में 27 मई को आईपीएल 5 के फाइनल मुकाबले के दिन जिन खिलाड़ियों को चैक दिए जाएंगे उनके नाम इस प्रकार हैं - सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, एस वेंकटराघवन, जवागल श्रीनाथ, नवजोत सिंह सिद्धू, बीएस चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी, फारुख इंजीनियर, शिवलाल यादव, अब्बास अली बेग, माधव मंत्री, एजी मिल्खा सिंह, राजिन्दर गोयल, अमरजीत केपी, एस हैदर अली, के भास्कर पिल्लई, जी इंदरदेव, एम पी पांडोव और वी. शिवरामाकृष्णन। इसके अलावा श्रीमती निरूपमा मांकड, श्रीमती एकनाथ सोलकर, श्रीमती रमाकांत देसाई और श्रीमती कृपाल सिंह को भी इसी दिन चैक प्रदान किए जाएंगे।

इसी तरह 25 मई को चेन्नई में होने वाले दूसरे क्वालीफायर से पहले कृष्णामाचारी श्रीकांत, मदन लाल, रोबिन सिंह, चेतन चौहान, सलीम दुरानी, एल. शिवरामाकृष्णन, डब्ल्यू वी रमन, अभय कुरूविला, चंद्रकांत पंडित, वीवी कुमार, पी भंडारी, कैलाश गट्टानी, लालचंद राजपूत, डी वासु, वीबी चंद्रशेखर और संबरन बनर्जी को चैक प्रदान किए जाएंगे।

वेंकटेश प्रसाद, रोजर बिन्नी, यशपाल शर्मा, ईएएस प्रसन्ना, राजेश चौहान, अरुण लाल, एस. विश्वनाथ, बीएस संधू, यूएन कुलकर्णी, कंवलजीत सिंह, सुधाकर राव, एमवी श्रीधर, दलजीत सिंह, संजीव शर्मा और पारस म्हाम्ब्रे को बेंगलुरु में 23 मई को होने वाले एलिमिनेटर मुकाबले से पहले चैक बांटे जाएंगे।

पुणे में 22 मई को होने वाले पहले क्वालीफायर से पहले चंदू बोर्डे, संजय मांजरेकर, नारी कांट्रेक्टर, अजीत वाडेकर, अंशुमन गायकवाड़, बापू नाडकर्णी, अर्शद अय्यूब, माधव आप्टे, एम आर रेगे, श्रीकांत कल्याणी, पी शिवालकर, टी अरोठे, सुरेन्द्र भावे, एस एस सुग्वेकर और वेंकट सुंदरम को चैक दिए जाएंगे। (वार्ता)

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