Tuesday 10 January 2012

यह दूध तो जानलेवा है !

    देश के सभी 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दूध के 68 % सैंपल्स मिलावटी पाए गए 
     बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और मिजोरम जैसे राज्यों में सौ फीसदी नमूनों में मिलावट
 देश में दूध के नाम पर लोगों को सफेद जहर परोसा जा रहा है। यह तथ्य सामने आया है कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्वे में। दिल्ली समेत देश के सभी 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दूध के 68 % सैंपल्स मिलावटी पाए गए हैं। केवल गोवा और पुड्डुचेरी में दूध के सैंपल्स शुद्ध मिले हैं। संस्था के मुताबिक खुले और पैक्ड, दोनों तरह के दूध में मिलावट मिली है। दूध में यूरिया, स्टार्च, खाने का सोडा और डिटर्जेंट मिलाए जाने की बात सामने आई है।

दिल्ली में फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्वे में 70 % दूध मिलावटी पाए गए हैं। दिल्ली में अलग-अलग जगहों से लिए गए 71 सैंपल्स में से 50 मिलावटी पाए गए। दिल्ली में मिलावटखोर दूध में ग्लूकोज और स्किम मिल्क पाउडर मिला रहे हैं। मिलावट का यह खेल दिल्ली में ही नहीं चल रहा है। इस मामले में दूसरे राज्यों की भी हालत ठीक नहीं है। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और मिजोरम जैसे राज्यों में सौ फीसदी नमूनों में मिलावट दर्ज की गई।

देशभर से दूध में मिलावट की जांच के लिए कुल 1,791 नमूने लिए गए। इनमें से 68.4 % नमूने तय मानकों के अनुरूप नहीं थे। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 83% खुले दूध में और 17 % पैक दूध में मिलावट दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में भी 67 फीसदी खुले और 33 फीसदी पैक दूध में मिलावट पाई गई।

अथॉरिटी के अनुसार दूध की मांग को पूरा करने के लिए कई नमूनों में पाउडर की अधिकतम मात्रा दर्ज की गई। अधिकतर सैंपल्स में पानी की मिलावट सबसे ज्यादा दर्ज की गई। राजधानी दिल्ली में पाए गए 70 फीसदी मिलावटी नमूनों में फैट (वसा) और पाउडर की मात्रा ज्यादा पाई गई। कुछ क्षेत्रों में दूध में डिटर्जेंट की मौजूदगी भी दर्ज की गई। (साभार-नवभारत टाइम्स )

Monday 9 January 2012

वाइरस निगल लेगा आपके बैंक खाते का पैसा !

  साइबर व‌र्ल्ड के अपराधियों की नजर अब उन लोगों पर है जो ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने एक ऐसा खतरनाक वायरस तैयार कर लिया है जो न केवल अकाउंट से पैसा गायब कर देगा बल्कि उस रकम को आश्चर्यजनक रूप से आपके अकाउंट में दिखाता भी रहेगा। इससे अकाउंट होल्डर काफी समय तक यह पता भी नहीं चलेगा कि वह साइबर क्राइम का शिकार बन चुका है।
  ' स्पाईआई ट्रॉजन हॉर्स सॉफ्टवेयर' नामक वायरस के नए एडिशन के जरिए अमेरिका और ब्रिटेन में कुछ लोगों का अकाउंट साफ किया जा चुका है। यह विंडो आधारित कंप्यूटरों पर हमले कर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे बचने के लिए इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले लोगों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनके वेब ब्राउजर में 'ऐंटि फिशिंग ऑप्शन' सक्रिय है।

'ट्रस्टीयर' नाम की सिक्योरियी कंपनी ने इस तरह के हमलों का पता लगाया है। ब्रिटिश टैब्लॉइड ' डेली मेल' के अनुसार कंपनी ने बताया है कि यह वायरस अकाउंट का पासवर्ड हैक कर लेता है और इसके बाद यह अकाउंट होल्डर के लॉग इन होने का इंतजार करता है। जैसे ही वह अकाउंट खोलता है यह काम करना शुरू कर देता है और रकम गायब होने लगती है। हालांकि, पैसा अकाउंट में ही दिखता रहता है। इसकी वजह से अकाउंट होल्डर को काफी दिनों तक भनक भी नहीं लगती है कि वह साइबर क्राइम का शिकार बन रहा है। यह हाईटेक वायरस ई-मेल के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। हालांकि, इस वायरस के हमले से बचा भी जा सकता है। इसके लिए ब्राउजर को हमेशा अपडेट रखना होगा। वैसे तो यह अपने आप अपडेट होता रहता है, इसके बावजूद खुद भी ब्राउजर को अपडेट करते रहना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ब्राउजर पर ऐंटी फिशिंग ऑप्शन बंद न हो। यह ब्लैकलिस्टेड वेबसाइट्स पर नजर रखेगा और नकली बैंक स्टेटमेंट को अकाउंट तक नहीं पहुंचने देगा। (साभार- नवभारत टाइम्स )

Friday 6 January 2012

मधुमेह से बचें, स्वस्थ रहें

    जब शरीर की पाचन क्रिया ध्वस्त हो जाती है और खाने से शरीर में जाने वाले ग्लूकोज का उपयोग बंद हो जाता है। ऐसा मधुमेह रोग के कारण होता है। जब ग्लूकोज का मात्रा रक्त में बढ़ जाती है तो वह व्यक्ति अधिक बार पेशाब करने लगता है। रक्तचाप बढ़ जाता है। बार-बार प्यास लगती है। दरअसल ग्लूकोज हमें भोजन से मिलता है जो यकृत और मासपेशियों में भी बनता है। शरीर की हर कोशिकाओं में संचित रहता है। यही ग्लूकोज हमारी ऊर्जा के स्रोत हैं। शरीर आग्नाशय बनने वाले एक रसायन इनसुलिन से इन कोशिकाओं में संचित ग्लूकोज से ऊर्जा बनती है। जब पाचनतंत्र खराब हो जाता है तो यह इनसुलिन बनना या तो कम हो जाता है या फिर बनता ही नहीं। परिणाम स्वरूप यह ग्लूकोज रक्त में बढ़ने लगता है क्यों कि इसको उर्जा में बदलना बंद हो जाता है। रक्त में ग्लूकोज की बढ़ती मात्रा कई रोगों को जन्म देता है और इनसुलिन का नहीं बनना मधुमेह कहलाता है।

मधुमेह का कारण

१- बहुत अधिक खाना। जो पच ही नहीं पाता। तले-भुने खाने क्रीम इत्यादि ( तैलीय खाद्य ) भी पाचन क्रिया को प्रभावित करता है।
२- शारीरिक श्रम का अभाव। 
३- मानसिक तनाव।
४- बहुत ज्यादा सोना।
५- बहुत अधिक खाना और उसके कारण मोटापा।
६- अधिक चीनी खाना। खाने में कारबोहाइड्रेट की अधिक मात्रा।
७- अधिक मात्रा में प्रोटीन और वसा ( तैलीय, चिकनाई वाले खाद्य ) लेना।
८- आनुवांशिक कारण। यानी माता-पिता, नाना-नानी वगैरह अगर मधुमेह के मरीज रहे हों तो भी मधुमेह का खतरा होता है।
मधुमेह के लक्षण
  दिन और रात बहुत बार पेशाब लगना। या तो वजन बढ़ जाता है या फिर काफी घट जाता है। बहुत प्यास का लगना। नजर धुंधली होना। घाव का देर से भरना। मधुमेह का इलाज न हो तो इससे अंधत्व, पैर खराब हो जाना, दिल की बीमारी और किडनी खराब हो जाती है। शरीर के लगभग सभी अंग मधुमेह से प्रभावित हो जाते हैं।आयुर्वेद  में इसे महारोग कहा जाता है क्यों कि समय रहते अगर इसका ईलाज नहीं किया गया तो इससे आंखें खराब हो जाती हैं। हड्डियोँ के जोड़ों में दर्द, नपुंसकता, किडनी फेल हो जाती है, सेक्स व पेशाब संबंधित कई रोग हो जाते हैं। शरीर की अनगिनत जटिलताएं शुरू हो जाती हैं।
  आयुर्वेद में इसका इलाज की शुरुआत जीवनशैली में पूरी तरह से परिवर्तन से शुरू होती है। ऐसे रोगी को दवा और संयमित भोजन के साथ
सक्रिय रहने की सलाह दी जाती है। आरामतलब जीवन वर्ज्य है।

क्या करना चाहिए ? भोजन व जीवनशैली संबंधित सुझाव-
१-खाने में दानेदार खाद्य जैसे कि गेहूं की रोटी, पास्ता, भूरा चावल उपयोग करें।

२- बिना चिकनाई वाले दूध व दही लें।
३-प्याज, लहसुन, करैला, पालक, कच्चा केला,जामुन का सेवन करें।
४- एक भाग जौ का आंटा, एक भाग  black chickpeas, चार भाग गेहूं का आंटा मिलाकर रोटी बनाकर खाएं।
५- माठा, खट्टा और नमकीन खाना, आलू, मीठा आलू, ताजी दालें, वसायुक्त दही, तैलीय मसालेदार खाने से बचना चाहिए।
६- अंगूर, आम, व अन्नास जैसे मीठे फल खाने से बचना चाहिए।
७- शारीरिक श्रम सुरू कर देना चाहिए। सुबह व शाम को कम से कम ३०-४० मिनट तेज चलना चाहिए।
८- दिन में सोना नहीं चाहिए। यह बेहद नुकसानदेह है मधुमेह मरीज के लिए।

घरेलू  ईलाज
१- दिन में एक बार कड़वे करैले का जूस दो चम्मच लेना चाहिए। इसकी सब्जी भी पकाकर खानी चाहिए।

२- एक चम्मच fenugreek seeds का पाउडर दिन में दो बार पानी के साथ लेना चाहिए।
३- आंवले का जूस एक चम्मच और एक चम्मच करैले का जूस मिलाकर पीना चाहिए।


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