Saturday 2 August 2008

सुगर को घटने ही नहीं देता है तनाव

तनाव आपके ब्लड सुगर को बढ़ा देता है। अगर आप मधुमेह रोगी हैं तो सावधान हो जाएं क्यों कि आप विभिन्न प्रयासों से मधुमेह को नियंत्रित तो करते हैं मगर तनाव आपको ऐसा करने नहीं देगा। मतलब ब्लड सुगर बढ़ाने में तनाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम आप सामान्यतया पांच किस्म के तनाव के शिकार होते हैं। ये हैं- भावनात्मक, भौतिक, पेशागत, जीवन के प्रति अपनी प्रतिक्रियाएं वगैरह। ये सभी फिजियोलाजिकल ( शारीरिक क्रियाओं से संबंधित ) तनाव पैदा करते हैं। इनसे उत्पन्न तनावों से ब्लड सुगर का लेवेल नसिर्फ बढ़ जाता है बल्कि गंभीर बीमारियों को भी साथ लाते हैं। एमस्टरडम के शोध करने वालोंविशेषग्यों एक अध्ययन के बाद सुझाया है कि ब्लड सुगर नियंत्रण का खुशहाल रहने से गंभीर संबंध है। अर्थात खुश और बेहतर जीवन जीने वाले ब्लड सुगर को अच्छी तरह नियंत्रित कर सकते हैं।
आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कैसे तनाव ब्लड सुगर को बढ़ाता है और गंभीर बीमारियों को दावत देता है।
जब तनाव हद की सामा पार कर जाता है तो इसके कारण एक खास किस्म का हारमोन पैदा होता है। इसे कोर्टिसोल कहते हैं। यह सीधे इनसुलिन पर हमला करता है और नतीजे में रक्त में सुगर की मात्रा को बढ़ा देता है। यह बड़ा लड़ाकू हारमोन होता है। इसे फाइट या फ्लाइट हारमोन भी कहते हैं। जिसका अर्थ है कि जितना ज्यादा आप तनाव पालेंगे उतना ही अधिक क्रिस्टोल पैदा होगा। जब हमारा शरीर ज्यादा क्रिस्टोल पैदा कर देता है तो यह यह शरार के प्रति इन्सुलिन की संवेदनशीलता को घटा देता है। इन्सुलिन का यह दुश्मन क्रिस्टोल शरीर में स्थित ग्लूकोज इतना कठोर बना देता है जिससे शरीर की कोशिकाएं इस सुगर को ग्रहण नहीं कर पाती हैं। इसके बाद यह बचा ग्लूकोज रक्त में मिलकर सुगर की मात्रा को बढ़ा देता है। अर्थात यह आसानी से समझ में ाने वाली बात है कि तनाव किस तरह ब्लड सुगर को बढ़ा देता है। अगर तनावग्रस्त व्यक्ति मधुमेह रोगी है तो तनाव उसके लिए बड़ी समस्या ला सकती है। क्यों कि सुगर के कारण उसे तनाव विरासत में मिली रहती है। रोज का तनाव हो तो निश्चित ही सुगर लेवेल को ठीक रखना मुश्किल हो जाएगा। क्यों कि इससे पैदा हुआ क्रिस्टोल हारमोन रक्त में सुगर को बढ़ाता ही रहेगा।
तनावरहित जीवन मधुमेह के रोगी के स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र है। तनाव से बचेंगे तो सुगर नियंत्रित रहेगा या फि सुगर को कड़ाई से नियंत्रित रखेंगे तो तनाव भी दूर रहेगा। दोनों ही स्थितियों में सुधार होगा और आप स्वस्थ महसूस करेंगे। अपनी दिनचर्या व जीवनशैली को तनाव मुक्त रखकर सुगर पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है। अध्ययनों से साबित हो चुका है कि तनाव मुक्त रहकर सुगर को नियंत्रित रखा जा सकता है। तनाव से निजात के लिए सामान्यतया निम्न उपायों की मदद ली जा सकती है।-----
१- गहरी सांस लें, सांस को रोकें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें।
२-खुली जगह में नियमित टहलें।
३-व्यायाम करें।
४-प्राकृतिक जगहों की सैर करें।
५-सकारात्मक नजरिया बनाए रखें।
६- अपना मूड ठीक करने के लिए कैफीन व निकोटीन वाले पदार्थ, शराब व सुगर के सेवन से बचें।
७- खुद के मन की शांन्ति के लिए खुद ही रास्ता तलाशें। संतुलित व शांत रहने की तकनीक तलाशें और उसे आजमाएं।


इन सबके बाद अगर आपका ब्लड सुगर अनियंत्रित है तो बेहतर होगा कि अपने स्वास्थ्य को सुधारने और तनाव से मुक्ति पर पूरा ध्यान दें।
( यह जानकारी मुझे मेल से जूलिया हन्फ ने भेजी है। जूलिया सुगर सेसंबंधित समस्याओं के स्थायी इलाज का भी दावा करती हैं। अपनी साइट में बड़े विस्तार से कई चरणों इलाज की प्रकिया भी दी हैं। इनका कहना है कि सुगर की जटिलताओं पर वे बराबर अध्ययन बी करती रहती हैं। इन्हों ने इस साइट (http://www.melabic.com/ ) में एक दवा भी सुझाई है। इस दवा का नाम मेलाबिक है। साइट में जाकर आप भी विस्तार से जान सकते हैं कि सुगर व इसके इलाज की कितनी इनको महारत हासिल है। सुगर की आम दवाओं से होने वाली हानियों को भी बड़े विस्तार से बताती हैं। तनाव दूर कर तीन चरणों में आपको स्वस्थ कर देने का नुस्खा है इनके पास। उनके ही शब्दों में देखिए-
PS. The combination of Melabic and my 3 step program will help you
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बेहतर होगा इनकी साइट में जाकर खुद जानें दावे में कितना दम है।


गुड़मार के पत्ते। इनके खाने से मीठापन गायब हो जाता है।


यही है जूलिया हन्फ की मेलाबिक दवा।

1 comment:

Unknown said...

ib khan press ripoter dainik navajyotu jaitaran

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