देश में बिना मोबाइल उपकरण पहचान संख्या (आईएमईआई) वाले करीब 2.5 करोड़ मोबाइल हैंडसेट आगामी 15 अप्रैल से बेकार हो जाएँगे। एयरटेल और वोडाफोन सहित जीएसएम सेवा उपलब्ध कराने वाली कई कंपनियाँ ऐसे हैंडसेटों को कनेक्टिविटी न देने का अभियान शुरू करने जा रही हैं, जिसके बाद ऐसे हैंडसेटों का कोई उपयोग नहीं रहेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर दूरसंचार विभाग (डाट) ने ऑपरेटरों को बिना आईएमईआई संख्या वाले हैंडसेटों का कनेक्शन काटने का निर्देश दिया है। आईएमईआई 15 अंकों की वह संख्या होती है, जो कॉल किए जाने पर ऑपरेटर के नेटवर्क पर आती है।
उद्योग सूत्रों का कहना है कि यदि ऑपरेटर डाट द्वारा दी गई समयसीमा का पालन करते हैं तो देश में जीएसएम मोबाइल फोनों की कुल संख्या में से करीब 10 प्रतिशत यानी 2.5 करोड़ हैंडसेट बेकार हो जाएँगे। बिना आईएमईआई संख्या वाले ज्यादातर हैंडसेट चीन के बने हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से दूरसंचार कंपनियों की आमदनी पर भी खासा असर पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर बिना आईएमईआई संख्या वाले ज्यादातर फोन सस्ते और गैर ब्रांड के होते हैं और इनका इस्तेमाल कम आय वर्ग वाले ग्राहक करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के ग्राहकों को फिर से नेटवर्क पर लाना मोबाइल कंपनियों के लिए चुनौती होगी। ऑपरेटरों को ऐसे ग्राहकों को सस्ते या नि:शुल्क हैंडसेट उपलब्ध कराने होंगे। डाट ने अक्टूबर 2008 में ऐसे हैंडसेटों को सेवा बंद करने के लिए 31 दिसंबर की समयसीमा तय की थी। बाद में इसे बढ़ाकर 15 अप्रैल 2009 कर दिया गया था।
एक प्रमुख मोबाइल ऑपरेटर ने अपने अपने ग्राहकों को यह संदेश भेजना शुरू कर दिया है कि वे बिना आईएमईआई संख्या वाले हैंडसेटों का इस्तेमाल बंद कर दें अन्यथा उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा। ऐसे हैंडसेट जिनका आईएमईआई नंबर नहीं है इसलिए खतरा हैं कि क्योंकि ऑपरेटर उन्हें ट्रेस नहीं कर सकता। आईएमईआई संख्या वाले हैंडसेटों का इस्तेमाल चोरी के बाद कॉल करने के लिए नहीं किया जा सकता क्योंकि वे पकड़ में आ जाते हैं।
हैंडसेट निर्माताओं के संगठन इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन (आईसीए) का कहना है कि सरकार को आयात के स्तर पर ही बिना आईएमईआई संख्या वाले हैंडसेटों पर रोक लगानी चाहिए। आईसीए के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा कि ऐसे फोनों की सेवा तो बंद की ही जानी चाहिए साथ ही यह भी देखा जाना चाहिए कि इनका आयात ही न होने दिया जाए। महेंद्रू ने कहा कि चोरी वाले हैंडसेटों का इस्तेमाल रोकने के लिए कोई केंद्रीय तंत्र नहीं है। ग्रे मार्केट में आने वाले ज्यादातर चाइनीज हैंडसेटों का आईएमईआई नंबर सही नहीं होता। (साभार वेबदुनिया)
10 comments:
यदि राष्ट्रिय सुरक्षा के लिए यह कदम ठीक है तो इसका स्वागत है ! वैसे भी चाइनीज मोबाइल से सस्ते हेंड सेट बाजार में है
Gambhir vishay par jaankari di aapne. Aap bhi BHU se hain, jaan accha laga.
जानकारी देने के लिए धन्यवाद ।
Aapke blog par yun hi ghumte chli aayi... yahan aakar ye mobile ph
ki nayi jankari mili....shukariya....!!
हांलाकि इस कदम को उठाने में बहुत देर की गई लेकिन देर आए दुरुस्त आए। स्वागत है इस कदम का।
ऐसे मोबाइल का बेकार होना ही बेहतर है... जिनका मिस युस् हो सकता है...
ऐसे मोबाइल का बेकार होना ही बेहतर है... जिनका मिस युस् हो सकता है...
हरकीरत जी बहुत है आपका ब्लाग और दर्द भरी कविताएं।
surakcha ki dristi se yah sahi kadam hai...
surakcha ki dristi se yah sahi kadam hai...
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