अन्ना भी नाना के साथ तो दिग्गी भी नाना के साथ, तो बूझो कौन है आरएसएस ?
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार विरोधी गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर हमला किया और कहा कि कभी वह आरएसएस नेता नानाजी देशमुख के साथ सचिव के रूप में काम करते थे। सिंह ने आज ट्विटर पर लिखा 'अन्ना हजारे ने आरएसएस नेता नानाजी देशमुख के साथ सचिव के रूप में काम किया और वर्ष 1983 में गोंडा में प्रशिक्षण लिया (संघ की गतिविधियों) । आज दिल्ली में 'नई दुनिया' समाचार पत्र का पहला पन्ना देखिये।'
इस बार टीम अन्ना ने उन्हें ईंट का जवाब पत्थर से दिया है। दिग्विजय ने एक अखबार के हवाले से कहा कि अन्ना हजारे आरएसएस नेता नानाजी देशमुख के सेक्रेटरी थे। इसके जवाब में टीम अन्ना की सदस्य किरन बेदी ने दिग्विजय की एक ऐसी फोटो जारी कर दी, जिसमें वह खुद नानाजी देखमुख के साथ बैठे नजर आ रहे हैं।
दिग्विजय ने रविवार सुबह ट्वीट किया, 'अन्ना हजारे आरएसएस लीडर नानाजी देशमुख के सेक्रेटरी रहे थे। उन्हें 1983 में गोंडा में ट्रेनिंग मिली थी। आज एक हिंदी अखबार के फ्रंट पेज में इस बारे में बताया गया है। लेकिन, अन्ना आरएसएस से अपने संबंधों की बात से इनकार करते हैं। अब हम किस पर यकीन करें? तस्वीरों के साथ जो फैक्ट हैं या फिर अन्ना और आरएसएस के दावों पर? मैं एक बार फिर सही साबित हुआ हूं। ' दिग्विजय ने टीम अन्ना को क्रिसमस की बधाई भी दी, लेकिन एक ताने के साथ। दिग्विजय ने लिखा, 'टीम अन्ना को मेरी क्रिसमस और मुंबई में फंड जुटाने के लिए शुभकामनाएं। दिल्ली से मुंबई वह सिर्फ ज्यादा फंड जुटाने के लिए गए हैं।'
इस बार किरन बेदी ने इस फोटो के जरिए गेंद दिग्विजय सिंह की पाली में डाल दी है। दिग्विजय को या तो इस तस्वीर को फर्जी साबित करना होगा, या उन्हें यह मानना होगा कि तस्वीर में साथ दिख जाने से वह आरएसएस के वैचारिक मित्र या उसके एजेंट नहीं हो जाते। और अगर वह नहीं होते, तो जाहिर अन्ना पर भी यह आरोप नहीं लगा सकते। साभार-एनबीटी
4 comments:
मुद्दा किसी भी प्रकार का हो, बयान मूर्खता से भरा क्यूँ नहीं हो उसको हवा तो मीडिया ही देता है ना ......! अब अन्ना पर दिग्गी राजा कुछ भी कहें उसको उछालना मीडिया का काम है. पल भर में प्रतिक्रिया भी मिल जाती है.
मैं स्वयं भी मीडिया से जुड़ा हुआ हूँ, परन्तु कई बार ऐसी क्षति हो जाती है जिससे भरपाई को बहुत समय लगता है. अब दिग्गी राजा सहित कांग्रेस और अन्य बड़े दलों के नेताओं व राष्ट्रपति तक के चित्र नानाजी देशमुख के साथ प्रकाशित हुए तो दिग्गी राजा का कथन सुनिये की : मैंने नाना जी के साथ काम नहीं किया है. संघ ने अन्ना पर पुस्तक प्रकाशित की है मेरी क्यूँ नहीं ? दिग्गी राजा का यह बयान हास्यापद है . अन्ना विरोधी अन्ना को संघ का व्यक्ति या संघ से उनके रिश्ते जोड़ कर एक ऐसा माहोल खड़ा करना चाहते हैं जिसमें अन्ना और संघ दोनों ही ही बचाव की मुद्रा में आ जाएँ और भ्रष्टाचार, घोटाले और घपलों से आम जनता का ध्यान हट जाये.
पर ऐसा लगता नहीं. संघ का नाम ले कर मुस्लिमों को अधिक दिनों तक भड़काया नहीं जा सकता, मुस्लिम भाई भी अब समझने लग गए हैं इन सियासतदानों की कुतर्की चालों को .
दिग्गी राजा आप को बता हूँ की ऐसी सूचना है की संघ ने तो महात्मा गाँधी पर भी पुस्तक प्रकाशित की है . संघ के प्रातः स्मरण में अनेकों महापुरुषों के साथ-साथ महात्मा गाँधी का नाम भी स्मरण किया जाता है. और तो और १९६२ और १९६५ में गणतंत्र दिवस ( २६ जनवरी ) की परेड में भी संघ के वर्दीधारी स्वयं सेवकों ने परेड में भाग लिया था. कांग्रेस के प्रातः स्मरण में किन का नाम है यह सभी जानते हैं. कांग्रेस ने तो देश के सभी महान जनों का नाम ही गायब कर दिया है. दूसरों को सांप्रदायिक और जात-पात में बाटने वाले जरा बताएं की सुश्री मायावती जिन महापुरुषों का नाम लेती है उन सभी को विस्मृत कर के मात्र एक ही परिवार का स्मरण क्यूँ.....?
घोटालों.घपलों और भ्रष्टाचार के आरोप से अब बचना संभव नहीं हो सकेगा , इसलिए ध्यान बाँटने के षड़यंत्र अब कारगर नहीं हो सकते..!
It is very tough to live honest in this world so these dirty Politicials are using there tricks for Anna Hazare Jee.
अब अपनी फोटो पर दिग्गी थोड़े ही बोलेगा ??
Gyan Darpan
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क्या कहा जा सकता है लगता है कि हम सभी अपनी शाब्दिक मर्यादा भी भूलते जा रहें है कौन क्या है और कौन कंहा है कहना / जानना बहुत ही मुश्किल है बहुत ही विचारपरक लेख
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