खूब खाने और सोने वाले लोगों के मोटे होने की बात कही जाती थी अब पता चला
है कम सोने और रात में जगने वाले लोग ना सिर्फ मोटे होते हैं बल्कि
डायबिटिज के शिकार भी। रात की पालियों में काम करने वाले और लगातार विमान
में सफर करने वालों को डायबिटिज का ज्यादा खतरा है। अमेरिका में हुई एक
रिसर्च से इस बात का पता चला है। बोस्टन के ब्रिघम एंड वीमेन्स हॉस्पीटल का
कहना है कि कम सोना या अनियमित तरीके से सोना किसी भी इंसान के सर्केडियन
रिदम या बायलॉजिकल क्लॉक बिगाड़ देता हैं।
इसकी वजह से पेनक्रियास से निकलने वाली इंसुलिन की मात्रा पर असर पड़ता है और खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। खून में शुगर की बढ़ी मात्रा डायबिटिज का कारण बन सकती है। रिसर्च में शामिल लोगों के मेटाबॉलिज्म की दर में भी फर्क देखा गया, यह कम हो गया। कम मेटाबोलिज्म से मोटापे की समस्या भी हो सकती है।
रिसर्च करने वाली टीम का नेतृत्व न्यूरोसाइंटिस्ट और नींद पर रिसर्च कर रहे ओरफ्यू बक्सटॉन कर रहे थे। इस टीम ने अस्पताल में 21 लोगों पर छह हफ्ते तक निगाह बनाए रखी। इन लोगों ने इस दौरान इस बात की छानबीन की कि ये लोग कब और कितनी देर तक सोते हैं, इसके साथ ही उन्होंने खाया क्या है।
शुरुआत में रिसर्च करने वालों ने इन लोगों को हर रात 10 घंटे तक सोने दिया। बाद में हर 24 घंटे के लिए इसे घटा कर 5-6 घंटे कर दिया गया और वो भी दिन और रात के अलग अलग समय में बांट कर। तीन हफ्ते तक इस तरह से चला।
नींद में कमी और सर्केडियन रिदम की गड़बड़ी वाले मरीजों की मेटाबॉलिज्म की दर में कमी का साफ मतलब है कि निष्क्रिय रहने के दौरान उनके शरीर में सामान्य की तुलना में कम कैलोरी खर्च हुई। रिसर्च करने वालों के मुताबिक यह कमी जितनी है उसके कारण एक साल में छह किलो तक वजन बढ़ सकता है।
डॉक्टरों ने यह भी देखा कि इन लोगों के खून में खाना खाने के बाद शुगर की मात्रा भी बढ़ गई थी। जाहिर है कि इसका सीधा संबंध पेंक्रियाज से निकलने वाले इंसुलिन से है। कुछ मामलों में तो शुगर की मात्रा डायबिटिज के ठीक पहले मौजूद रहने वाली मात्रा के करीब पहुंच गई थी।
रिसर्च के आखिरी चरण में नौ दिनों तक जब इन लोगों को सामान्य तरीके से सोने दिया गया तो सारी गड़बड़ियां खुद ही ठीक हो गईं। यह रिसर्च साइंस जरनल में छपी है इसके साथ ही पहले भी कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि रात को काम करने वाले लोगों के डायबिटिज का शिकार होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है।
बक्सटॉन का कहना है, 'सबूत सामने है कि पर्याप्त रूप से सोना सेहत के लिए बेहद जरूरी है और पूरी तरह से इसके कारगर होने के लिए पहली कोशिश रात में सोने की होनी चाहिए।' तो स्वस्थ और सेहतमंद रहना है तो घोड़े बेच कर सोइये और वो भी रात में। ( साभार--http://www.dw.de/dw/article/0,,15904796,00.html)
इसकी वजह से पेनक्रियास से निकलने वाली इंसुलिन की मात्रा पर असर पड़ता है और खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। खून में शुगर की बढ़ी मात्रा डायबिटिज का कारण बन सकती है। रिसर्च में शामिल लोगों के मेटाबॉलिज्म की दर में भी फर्क देखा गया, यह कम हो गया। कम मेटाबोलिज्म से मोटापे की समस्या भी हो सकती है।
रिसर्च करने वाली टीम का नेतृत्व न्यूरोसाइंटिस्ट और नींद पर रिसर्च कर रहे ओरफ्यू बक्सटॉन कर रहे थे। इस टीम ने अस्पताल में 21 लोगों पर छह हफ्ते तक निगाह बनाए रखी। इन लोगों ने इस दौरान इस बात की छानबीन की कि ये लोग कब और कितनी देर तक सोते हैं, इसके साथ ही उन्होंने खाया क्या है।
शुरुआत में रिसर्च करने वालों ने इन लोगों को हर रात 10 घंटे तक सोने दिया। बाद में हर 24 घंटे के लिए इसे घटा कर 5-6 घंटे कर दिया गया और वो भी दिन और रात के अलग अलग समय में बांट कर। तीन हफ्ते तक इस तरह से चला।
नींद में कमी और सर्केडियन रिदम की गड़बड़ी वाले मरीजों की मेटाबॉलिज्म की दर में कमी का साफ मतलब है कि निष्क्रिय रहने के दौरान उनके शरीर में सामान्य की तुलना में कम कैलोरी खर्च हुई। रिसर्च करने वालों के मुताबिक यह कमी जितनी है उसके कारण एक साल में छह किलो तक वजन बढ़ सकता है।
डॉक्टरों ने यह भी देखा कि इन लोगों के खून में खाना खाने के बाद शुगर की मात्रा भी बढ़ गई थी। जाहिर है कि इसका सीधा संबंध पेंक्रियाज से निकलने वाले इंसुलिन से है। कुछ मामलों में तो शुगर की मात्रा डायबिटिज के ठीक पहले मौजूद रहने वाली मात्रा के करीब पहुंच गई थी।
रिसर्च के आखिरी चरण में नौ दिनों तक जब इन लोगों को सामान्य तरीके से सोने दिया गया तो सारी गड़बड़ियां खुद ही ठीक हो गईं। यह रिसर्च साइंस जरनल में छपी है इसके साथ ही पहले भी कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि रात को काम करने वाले लोगों के डायबिटिज का शिकार होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है।
बक्सटॉन का कहना है, 'सबूत सामने है कि पर्याप्त रूप से सोना सेहत के लिए बेहद जरूरी है और पूरी तरह से इसके कारगर होने के लिए पहली कोशिश रात में सोने की होनी चाहिए।' तो स्वस्थ और सेहतमंद रहना है तो घोड़े बेच कर सोइये और वो भी रात में। ( साभार--http://www.dw.de/dw/article/0,,15904796,00.html)
5 comments:
बहुत उपयोगी और सार्थक लेख |
आशा
अब तनिक और जल्दी सो जाया करेंगे।
अच्छा लेख है।
Very nice and informative post. thanks.
Thanks Sir,
Very important thought, I carry in my life
Post a Comment