Thursday, 5 June 2008
चीन में रामदेव का योग केन्द्र
योग तक लोगों की पहुँच का विस्तार करते हुए जाने-माने योग गुरु बाबा रामदेव चीन में पहला योग केंद्र स्थापित करने की योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं।
रामदेव ने बताया कि योग धर्म नहीं है। मैं सोचता हूँ कि चीन के लिए धर्म की तुलना में अध्यात्म से बेहतर दूसरा विकल्प नहीं हो सकता क्योंकि यह सबसे ऊपर है।
लग्जरी क्रूज लाइनर सुपर स्टार वर्गो पर एक भव्य योग शिविर के आयोजन के लिए दुनिया के 15 देशों से आए 950 से अधिक व्यक्तियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे रामदेव एक साल में चीन में पतंजलि योगपीठ सेंटर की स्थापना की तैयारी कर रहे हैं। साम्यवादी देश चीन में लोगों ने योग के प्रति दिलचस्पी दिखाई है।
हरिद्वार स्थित अनुसंधान केंद्र पतंजलि योग पीठ को रामदेव एक न्यास कहते हैं, जो योग एवं औषधियों पर अनुसंधान कर रहा है। भारत और विदेश में इसकी कई शाखाएँ हैं। यह पहला अवसर है जब यह केंद्र चीन में अपनी शाखा खोलेगा।
रामदेव ने कहा कि हम चीन में कुछ काम कर भी रहे हैं, लेकिन अब तक वहाँ योग का औपचारिक केंद्र नहीं है। चीनी नागरिक परिश्रमी होते हैं और ऊर्जावान जीवनशैली के दौरान तनाव दूर करने के लिए उन्हें अलग-अलग विधियों की तलाश रहती है।
रामदेव ने कहा कि उनका मिशन योग को दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूँ कि दुनिया का हर व्यक्ति योग से परिचित हो। मुझे लगता है कि इस काम में 20 से 25 साल लग जाएँगे। मैं योग को दुनिया के अंतिम आदमी तक पहुँचाना चाहता हूँ।
बाबा अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका में योग के कई शिविर और कार्यशालाओं का आयोजन कर चुके हैं। अब वह श्वास लेने तथा व्यायाम की प्राचीन कला को भारत से बाहर लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
अपने तरह के पहले विशेष 'योग ऑन सी' शिविर के एक सप्ताह के सत्र में रामदेव ने कहा कि उन्होंने मध्यम एवं उच्च मध्यम वर्ग के लोगों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो अपनी ज्यादातर छुट्टियाँ तरोताजा होने और थोड़े बहुत मनोरंजन में बिताते हैं।
सुपर स्टार वर्गो पर एक सप्ताह के क्रूज शिविर में वैदिक जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए योग के अलावा चिंतन और प्राणायाम भी सिखाया जा रहा है। सुपर स्टार वर्गो 31 मई को हांगकांग के तट से रवाना हुआ है।
अनुयायियों के बीच स्वामी कहलाने वाले रामदेव ने बताया योग तो योग है चाहे इसे समुद्र में किया जाए या जमीन पर या आसमान पर। यह विशेष शिविर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि समुद्र की लहरों पर ऊपर नीचे होता जहाज मानव जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव की याद दिलाता है।
उन्होंने कहा कि शिविर का उद्देश्य लोगों को जीवन का मतलब समझाना और यह बताना है कि तीव्र संगीत और नृत्य का मतलब ही मनोरंजन नहीं होता। उन्होंने कहा आत्मावलोकन से सीखना चाहिए और जीवन पर पकड़ कमजोर नहीं पड़नी चाहिए। क्रूजलाइनर चीन के सान्या सिटी और जियामेन तथा वियतनाम के हालोंग-बे में भी रुकेगा।
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