Friday, 3 October 2008
रतन टाटा का सिंगुर को टाटा
कोलकाता : रतन टाटा ने आखिरकार पश्चिम बंगाल के सिंगुर को टाटा कहने का फैसला कर लिया है। इस प्रोजेक्ट में पीपुल्स कार नैनो का प्रोडक्शन होना था। इस प्रोजेक्ट पर काफी काम आगे बढ़ चुका था। लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद की वजह से वहां काम रोकना पड़ा था। सूत्रों ने खबर दी है कि टाटा इस प्लांट के लिए कर्नाटक, उत्तरांचल और गुजरात समेत कई ऑप्शन पर विचार कर रहे हैं। इस बारे में अगले हफ्ते तक फैसला होने की उम्मीद है।
दरअसल महीने भर से चले आ रहे सिंगुर विवाद को लेकर आज सबकी निगाहें अब रतन टाटा और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की मुलाकात पर टिकी हुई थीं।
रतन टाटा ने शुक्रवार को राइटर्स बिल्डिंग में मख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य से मुलाकात की। सभी को लग रहा था कि मीटिंग से कोई पॉजिटिव जवाब आएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सिंगुर के काफी लोगों का कहना है कि नैनो के निर्माण के लिए फैक्टरी सिंगुर में ही होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि अगर टाटा ऐसा कोई एश्योरेंस देते हैं वही उनके लिए दुर्गा पूजा का बेहतरीन तोहफा होगा। यहां तक कि सौरभ गांगुली ने भी एक पत्र के जरिए टाटा से सिंगुर में बने रहने का आग्रह किया है।
बीती शाम मुख्यमंत्री ने सीपीएम स्टेट सेक्रेटेरिएट के सभी मेंबर्स से मुलाकात कर टाटा मोटर्स के कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़ी सभी समस्याओं के बारे में बातचीत भी की ताकि इस मामले में रतन टाटा आश्वस्त रह सकें।
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