विश्वनाथ प्रताप की राजनीतिक हलके में निंदा भी हुी और प्रशंसा भी। मगर जिन लोगों से उनके आत्मीय संबंध थे और उन्हें वीपी को व्यक्तिगत रूप से करीब से जानने का मौका मिला, वे कुछ अलग ही नजरिया रखते हैं। ऐसे एक वरिष्ठ पत्रकार और जनसत्ता के प्रधान संपादक रह चुके प्रभाष जोशी भी हैं। वीपी के निधन के बाद छपे एक लेख में देखिए उनके उदगार। आइए आप भी वीपी के प्रभाष जोशी की नजरों से जानें। उनके लेख का पीडीएफ देखिए।
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