Thursday, 22 September 2011

पत्रकार व गैर पत्रकार संगठनों ने की मजीठिया वेतन बोर्ड की अधिसूचना जल्द जारी करने की मांग

 अखबारों के पत्रकार व गैर पत्रकार संगठनों ने सरकार से मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की अधिसूचना तत्काल जारी करने की अपील की है। संगठनों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश के बाद अब इस मामले में एक दिन की भी देर सही नहीं है।

कंफेडरेशन आफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज एजंसीज एंप्लाइज आर्गनाइजेशंस में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों की गुरुवार को यहां हुई बैठक में अदालत के आदेश पर संतोष जताया गया और सरकार से वेतन बोर्ड की सिफारिशें जल्द अधिसूचित करने की अपील की गई। कंफेडरेशन के महासचिव एमएस यादव ने बैठक के बाद कहा, सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश के बाद अब सरकार को हमारे वेतन बोर्ड की सिफारिशों को तुरंत अधिसूचित करना चाहिए। सरकार के वकील ने भी न्यायालय में कहा था कि सरकार अधिसूचना जारी करने के लिए तैयार है उसे न्यायालय की हरी झंडी का इंतजार है। अब वह हरी झंडी मिल चुकी है। हमें उम्मीद है कि अब सरकार की ओर से देरी नहीं होगी।

यादव ने कहा कि मणिसाना वेतन बोर्ड की सिफारिशों के लागू होने के बाद 13 साल हो चुके हैं और मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के आए भी नौ महीने बीत चुके हैं। अखबारी कर्मचारियों को महंगाई के इस दौर में नए वेतनमान लागू किए जाने का बेसब्री से इंतजार है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने बुधवार को कहा कि सरकार पत्रकार व गैर पत्रकार कर्मियों के वेतन बोर्ड की सिफारिशों को अधिसूचित करने के लिए स्वतंत्र है। पीठ ने सरकार के वकील से कहा, कैबिनेट इस विषय पर विचार कर सकती है। आपको फैसला लेने से कोई रोक नहीं रहा है।

आज की बैठक में एनयूजे के डा एनके त्रिखा और राजेंद्र प्रभु, आईजेयू के सुरेश अखौरी, एआईएनईएफ के रूपचंद, यूएनआई वर्कर्स यूनियन के मोहन लाल जोशी और आईएफडब्ल्यूजे के महासचिव परमानंद पांडे और अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ( नई दिल्ली, 22 सितंबर ( भाषा)। )

Wednesday, 21 September 2011

सुप्रीम कोर्ट ने दी पत्रकारों के पक्ष में राय, श्रममंत्री ने कहा- जल्द जारी होगी अधिसूचना


    कोलकाता के बांग्ला समाचार पत्र समूह आनंदबाजार पत्रिका की ओर से जस्टिस मजीठिया की पत्रकारों व गैर पत्रकारों के वेतनमान की सिफारिशों के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार 21 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर सरकार को अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी थी जिस पर सरकार की तरफ कहा गया था कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है इस लिए सरकार अधिसूचना जारी करने में असमर्थ है। आज वह बाधा खुद सुप्रीम कोर्ट ने हटा ली। इसके बाद फोन पर द हिंदू के संवाददाता जे बालाजी को केंद्रीय श्रममंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी।

 मजीठिया वेतन बोर्ड को लागू करने का फैसला
 कर सकती है सरकार: अदालत
 सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का फैसला कर सकती है। यह वेतन बोर्ड सरकार ने पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतन तय करने के लिए बनाया था। न्यायमूर्ति दलबीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की एक खंडपीठ ने बुधवार को मीडिया घरानों की वेतन बोर्ड सिफारिशों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। याचिकाओं में वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू न करने की मांग की गई है।
अदालत को पत्रकार संगठनों के वकील ने जानकारी दी कि केंद्रीय मंत्रिमंडल वेतन बोर्ड की सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं कर पा रहा है क्योंकि मामला अदालत के विचाराधीन है। जवाब में जजों ने कहा कि मंत्रिमंडल इस मामले में विचार कर सकता है। सरकार को फैसला लेने से कोई रोक नहीं रहा है।
इससे पहले अदालत ने 18 जुलाई को इस मामले में केंद्र सरकार को दो हफ्ते तक कोई फैसला न करने की हिदायत दी थी। पर सरकार ने दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी मामले को अदालत के विचाराधीन मान कर कोई फैसला नहीं किया। वेतन बोर्ड की सिफारिशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका सबसे पहले आनंद बाजार पत्र समूह ने दायर की थी। इस याचिका पर इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी उसका जवाब मांगा था।

 Decision on wage board soon: Kharge
J. BALAJI
http://www.thehindu.com/news/national/article2473678.ece

Sunday, 18 September 2011

भूकंप से हिला पूर्वी व उत्‍तरी भारत, केंद्र सिक्किम


  आज शाम ६ बजे के आसपास तेज भूकंप ने पूर्वी व उत्‍तरी भारत में दस्‍तक दी। पूर्वी भारत में यह भूकंप सिक्किम, असम व पश्चिम बंगाल में महसूस किया गया।

कोलकाता में एक मकान में दरार पड़ने और पटना में एक- दो मकान के ढहने की खबर है। अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। मैं भी भूकंप के वक्त लोकल ट्रेन में था इसलिए मुझे तो पता नहीं चला मगर कोलकाता ( धर्मतला ) स्थित अपने आफिस पहुंचा तो लोग दहशत में थे। लोगबाग आफिसछोड़कर बाहर भाग खड़े हुए।

उत्‍तर भारत के बिहार, उत्‍तर प्रदेश, दिल्‍ली व नेपाल बॉर्डर के इलाकों में इसके झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र सिक्किम की राजधानी गंगटोक है। इसका केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर अंदर बताया जा रहा है। रिएक्‍टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.8 थी। यह भूकंप लगभग 30 सेकेंड तक का था।

सिक्किम से प्राप्‍त जानकारियों के मुताबिक वहां इस भूकंप का झटका इतना तेज था कि पूरे गंगटोक की बिजली गुल हो गई। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान माल के नुकसान की खबर नहीं आई है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी इसके तेज झटके महसूस हुए। इसके अलावा असम में कई इलाकों से होकर यह भूकंप गुजरा।

दिल्‍ली व एनसीआर के इलाकों मे इसके हल्‍के झटके महसूस किए गए। उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भूकंप के झटके लगभग 1 मिनट तक महसूस हुए। इसके अलावा यह भूकंप उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में भी आया। बिहार के पटना व आसपास के इलाकों से होकर यह भूकंप गुजरा। हालांकि इन इलाकों में इसकी तीव्रता कुछ कम थी। झारखंड में भी इसके हल्‍के झटके महसूस किए गए।

Monday, 12 September 2011

पत्रकारों के वेतनमान के मामले में बुधवार से सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट



 सुप्रीम कोर्ट बुधवार से पत्रकारों व गैर पत्रकारों के वेतनमान की अधिसूचना के मुद्दे पर बुधवार से सुनवाई करेगी। आज कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद यह तय किया। मालूम हो कि आनंदबाजार पत्रिका की अपील के बाद कोर्ट ने सरकार को अधिसूचना जारी करने से रोका है और 12 सितंबर इसकी सुनवाई की तारीख तय की थी। आज उसी क्रम में कोर्ट ने बुधवार से सुनवाई करना तय किया है।


 पीटीआई की पूरी खबर अंग्रेजी में यहां देखें।

SC-WAGEBOARD
SC to hear Majithia wageboard issue from Wednesday
New Delhi, Sep 12 (PTI) The Supreme Court today decided
to hear from Wednesday the issue of implementation of the
recommendations of Majithia Wage Board for journalists and
non-journalists.
A bench comprising justices Dalveer Bhandari and Deepak
Verma said that after hearing the contesting parties it will
take "some decision".
During the brief hearing, Additional Solicitor General
Parag Tripathi, submitted that the Centre was unable to take a
decision on the issue of issuing notification for the
implementation of the award of the wageboard as the matter has
been pending in the apex court.
He told the bench that the wageboard issue was on the
agenda of the Cabinet meeting but had to be deferred since the
matter is pending before it.
The apex court on July 18 had asked the Government to
refrain from taking any decision on the implementation of the
recommendations of the Wage Board for two weeks.
At the outset, senior advocate K K Venugopal, appearing
for the Indian Newspaper Society (INS) said he was filing a
petition on behalf of the INS and the main arguments would be
advanced by senior advocate Fali Nariman on behalf of the
the ABP (Anand Bazar Patrika) Pvt Ltd, which first challenged
the recommendation of the wage board.
After ABP, several other media houses including Bennett
Coleman Co.Ltd, publisher of The Times of India and news
agency United News of India (UNI), filed the petitions
opposing the Award of the wageboard.
The court issued notices on their petitions.
An advocate appearing for the ABP Pvt Ltd said there was
no reply from the government on the merits of the petition
filed by it.
However, this submission was opposed by the ASG, who said
the Centre has filed its reply on the merits and termed the
ABP's petition as "totally premature".
Tripathi said there was no notification for the
implementation of the wageboard and as such no cause of action
has arisen to oppose the wageboard award.
He  said the petition was not maintainable and therefore
the government should be allowed to go ahead to issue
notification for its implementation.
The ASG's submission was supported by senior advocate
Colin Gonsalves, who, appearing for five federations
representing journalists and non-journalists, said that the
whole premises of the petition filed by ABP and others against
the implementation of the wageboard was wrong.
Gonsalves said in the past also wages have been fixed
according to the awards of the wageboards and those covered
under the Act are entitled for the wages according the fresh
recommendations.
Senior advocate Harish Salve, appearing for Bennett,
Coleman and Co. Ltd, opposed the wageboard award, saying that
the Act governing it was outdated and it also does not include
electronic media.
During the last hearing the government had insisted on
the implementation of the recommendations during the pendency
of case.
Tripathi had said the report should be allowed to be
implemented subject to the outcome of the final decision of
the matter.
  The apex court had issued notice in May to the Union
Government on a petition challenging the recommendations of
Majithia Wage Board, without granting any injunction.
        A petition filed by ABP Pvt Ltd, publishers of
prominent English and Bengali dailies, had sought a
declaration that the Wage Board Award and its recommendations
submitted to the government in December last be declared as
arbitrary and illegal.
        The petitioner urged the apex court to declare
constitution of the Wage Board as ultra vires and grant an
injunction restraining the Union of India and others from
giving any effect to the Award and recommendations made
therein.
        However, the apex court issued notice to the Union
Government after it was informed that the government has not
come out with the notification for implementation of the
recommendations.
        The ABP has named the Indian Federation of Working
Journalists, the National Union of Journalists, the Indian
Journalists Union, the All India Newspaper Employees
Federation, the National Federation of Newspaper Employees as
respondents.

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