अखबारों के पत्रकार व गैर पत्रकार संगठनों ने सरकार से मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की अधिसूचना तत्काल जारी करने की अपील की है। संगठनों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश के बाद अब इस मामले में एक दिन की भी देर सही नहीं है।
कंफेडरेशन आफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज एजंसीज एंप्लाइज आर्गनाइजेशंस में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों की गुरुवार को यहां हुई बैठक में अदालत के आदेश पर संतोष जताया गया और सरकार से वेतन बोर्ड की सिफारिशें जल्द अधिसूचित करने की अपील की गई। कंफेडरेशन के महासचिव एमएस यादव ने बैठक के बाद कहा, सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश के बाद अब सरकार को हमारे वेतन बोर्ड की सिफारिशों को तुरंत अधिसूचित करना चाहिए। सरकार के वकील ने भी न्यायालय में कहा था कि सरकार अधिसूचना जारी करने के लिए तैयार है उसे न्यायालय की हरी झंडी का इंतजार है। अब वह हरी झंडी मिल चुकी है। हमें उम्मीद है कि अब सरकार की ओर से देरी नहीं होगी।
यादव ने कहा कि मणिसाना वेतन बोर्ड की सिफारिशों के लागू होने के बाद 13 साल हो चुके हैं और मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के आए भी नौ महीने बीत चुके हैं। अखबारी कर्मचारियों को महंगाई के इस दौर में नए वेतनमान लागू किए जाने का बेसब्री से इंतजार है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने बुधवार को कहा कि सरकार पत्रकार व गैर पत्रकार कर्मियों के वेतन बोर्ड की सिफारिशों को अधिसूचित करने के लिए स्वतंत्र है। पीठ ने सरकार के वकील से कहा, कैबिनेट इस विषय पर विचार कर सकती है। आपको फैसला लेने से कोई रोक नहीं रहा है।
आज की बैठक में एनयूजे के डा एनके त्रिखा और राजेंद्र प्रभु, आईजेयू के सुरेश अखौरी, एआईएनईएफ के रूपचंद, यूएनआई वर्कर्स यूनियन के मोहन लाल जोशी और आईएफडब्ल्यूजे के महासचिव परमानंद पांडे और अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ( नई दिल्ली, 22 सितंबर ( भाषा)। )
कंफेडरेशन आफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज एजंसीज एंप्लाइज आर्गनाइजेशंस में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों की गुरुवार को यहां हुई बैठक में अदालत के आदेश पर संतोष जताया गया और सरकार से वेतन बोर्ड की सिफारिशें जल्द अधिसूचित करने की अपील की गई। कंफेडरेशन के महासचिव एमएस यादव ने बैठक के बाद कहा, सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश के बाद अब सरकार को हमारे वेतन बोर्ड की सिफारिशों को तुरंत अधिसूचित करना चाहिए। सरकार के वकील ने भी न्यायालय में कहा था कि सरकार अधिसूचना जारी करने के लिए तैयार है उसे न्यायालय की हरी झंडी का इंतजार है। अब वह हरी झंडी मिल चुकी है। हमें उम्मीद है कि अब सरकार की ओर से देरी नहीं होगी।
यादव ने कहा कि मणिसाना वेतन बोर्ड की सिफारिशों के लागू होने के बाद 13 साल हो चुके हैं और मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के आए भी नौ महीने बीत चुके हैं। अखबारी कर्मचारियों को महंगाई के इस दौर में नए वेतनमान लागू किए जाने का बेसब्री से इंतजार है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की पीठ ने बुधवार को कहा कि सरकार पत्रकार व गैर पत्रकार कर्मियों के वेतन बोर्ड की सिफारिशों को अधिसूचित करने के लिए स्वतंत्र है। पीठ ने सरकार के वकील से कहा, कैबिनेट इस विषय पर विचार कर सकती है। आपको फैसला लेने से कोई रोक नहीं रहा है।
आज की बैठक में एनयूजे के डा एनके त्रिखा और राजेंद्र प्रभु, आईजेयू के सुरेश अखौरी, एआईएनईएफ के रूपचंद, यूएनआई वर्कर्स यूनियन के मोहन लाल जोशी और आईएफडब्ल्यूजे के महासचिव परमानंद पांडे और अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ( नई दिल्ली, 22 सितंबर ( भाषा)। )
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