कोलकाता के बांग्ला समाचार पत्र समूह आनंदबाजार पत्रिका की ओर से जस्टिस मजीठिया की पत्रकारों व गैर पत्रकारों के वेतनमान की सिफारिशों के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार 21 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर सरकार को अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी थी जिस पर सरकार की तरफ कहा गया था कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है इस लिए सरकार अधिसूचना जारी करने में असमर्थ है। आज वह बाधा खुद सुप्रीम कोर्ट ने हटा ली। इसके बाद फोन पर द हिंदू के संवाददाता जे बालाजी को केंद्रीय श्रममंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी।
मजीठिया वेतन बोर्ड को लागू करने का फैसला
कर सकती है सरकार: अदालत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का फैसला कर सकती है। यह वेतन बोर्ड सरकार ने पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतन तय करने के लिए बनाया था। न्यायमूर्ति दलबीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की एक खंडपीठ ने बुधवार को मीडिया घरानों की वेतन बोर्ड सिफारिशों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। याचिकाओं में वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू न करने की मांग की गई है।
अदालत को पत्रकार संगठनों के वकील ने जानकारी दी कि केंद्रीय मंत्रिमंडल वेतन बोर्ड की सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं कर पा रहा है क्योंकि मामला अदालत के विचाराधीन है। जवाब में जजों ने कहा कि मंत्रिमंडल इस मामले में विचार कर सकता है। सरकार को फैसला लेने से कोई रोक नहीं रहा है।
इससे पहले अदालत ने 18 जुलाई को इस मामले में केंद्र सरकार को दो हफ्ते तक कोई फैसला न करने की हिदायत दी थी। पर सरकार ने दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी मामले को अदालत के विचाराधीन मान कर कोई फैसला नहीं किया। वेतन बोर्ड की सिफारिशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका सबसे पहले आनंद बाजार पत्र समूह ने दायर की थी। इस याचिका पर इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी उसका जवाब मांगा था।
Decision on wage board soon: Kharge
J. BALAJI
http://www.thehindu.com/news/national/article2473678.ece
1 comment:
आशा है, कुछ सार्थक बाहर आयेगा।
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