दीपावली के पूजन पर इस बार कुछ खास बातें ध्यान में रखनी आवश्यक हैं। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार दीपदान, महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन तथा गृह स्थलों पर दीप प्रज्वलित करने के लिए समय का ध्यान रखना आवश्यक है। ज्योतिषाचार्य दीप्ति श्रीकुंज ने बताया कि तीन नवम्बर रविवार को लक्ष्मी पूजन का शाम पांच बजकर 35 मिनट से लेकर 8 बजकर 14 मिनट के बीच शुभ रहेगा। इस काल को प्रदोषकाल कहेंगे। सायं छह बजकर 15 मिनट से रात्रि 8 बजकर नौ मिनट तक वृष लग्न है इसका विशेष महत्व है।
जानिए, क्या है मां लक्ष्मी की महिमा व इसकी पूजन विधि
इस समय पूजन करने से घर में लक्ष्मी स्थाई रूप से निवास करती हैं। प्रदोषकाल में व्याप्त वृष लग्न स्वाती नक्षत्र, तुला के सूर्य-चंद्र होने से अत्यंत शुभकाल रहेगा। क्योंकि शुक्र तुला राशि का स्वामी है तथा शुक्र ही लक्ष्मी कारक गृह है।
इस वर्ष अमावस सायं 6 बजकर 20 मिनट तक ही होने से यथासंभव प्रदोषकाल में ही पूजन प्रारंभ कर लेना चाहिए। निशीथ एवं महानिशीथ तंत्र यांत्रिक क्रियाओं के लिए उपयुक्त रहेंगे। ज्योतिषाचार्य दीप्ति श्रीकुंज ने कहा कि दीपावली से लाभ प्राप्त करने के लिए इस योग में दीपदान, श्रीमहालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, बही-खाता पूजन, धर्म एवं गृह स्थलों पर दीप प्रज्वलित करना।
ब्राह्मणों व आश्रितों को भेंट, मिष्ठान्नदि बांटना शुभ रहेगा। 8 बजकर 54 मिनट से लेकर रात्रि 10 बजकर 33 मिनट तक चर चौघड़ियां भी शुभ रहेंगी।( साभार- जागरण )
लक्ष्मी पूजा 3 नवंबर 2013, रविवार
प्रदोष काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 18:00 से 18:19
अवधि: 0 घंटा 19 मिनट
प्रदोष काल: 18:00 से 20:33
वृषभ काल: 18:45 से 20:45
अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 20:12, 2/नवंबर /2013
अमावस्या तिथि समाप्त: 18:19, 3/नवंबर /2013
छठ पूजा महोत्सव तिथि
नहा खा: 6 नवंबर 2013, बुधवार
खरना: 7 नवंबर 2013, गुरूवार
संध्या अर्घ: 8 नवंबर 2013, शुक्रवार
सूर्योदय अर्घ: 9 नवंबर 2013, शनिवार
पारण: 9 नवंबर 2013, शनिवार
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