Monday, 27 August 2007
ब्लोग्गिंग पर क्या है आपकी राय
वेबदुनिया हिंदी पोर्टल ने भी हिंदी ब्लागिंग को चर्चा का विषय बनाना तय किया है। इसके पहले एनडीटीवी, हिंदी अखबार प्रभात खबर समेत तमाम माध्यमों ने भी इसपर चर्चा की है मगर विस्तार से चर्चा पहली बार वेबदुनिया हिंदी पोर्टल ( http://hindi.webdunia.com ) कराने जा रहा है। यह सामयिक और महत्वपूर्ण फैसला इस लिए भी माना जा सकता है क्यों कि इंटरनेट पर हिंदी चिट्ठाकार बेहद मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। अब कमी है तो सिर्फ इसके दशा-दिशा की। इसी लिए चिट्ठों का व्यवस्थित प्रवाह स्वस्थ मानदंडों का पालन करते हुए देश-दुनिया के सुधी पाठकों तक पहुंचाने पर अब सार्थक चर्चा होनी जरूरी है। चिट्ठों के लेखन सामग्री पर या फिर कई चिट्ठाकारों को चिट्ठों के दायरे तय करने पर आपत्ति होती है। तो साथियों अब जमकर आपत्तियां दर्ज कराइए और चिट्ठों के अपने मनमुताबिक दायरे भी तय करिए। आपकी राय अब चिट्ठों के एग्रीगेटरों या महज चिट्ठाकारों की मनमानी तक सीमित न रह कर सीधे आम पाठकों की अदालत में होगी। शायद आम पाठकों व चिट्ठों के विशेषग्यों की यही राय चिट्ठो की नई वैश्विक दुनिया का स्वरूप तय कर पाएगी।
वेब दुनिया की अपील
सूचना क्रांति के साथ हिंदी लेखन की दुनिया का बहुत तेजी के साथ विस्तार हुआ है। इंटरनेट पर हिंदी का दखल बढ़ता जा रहा है और हिंदी उन माध्यमों में भी अपनी पहचान बना रही है, जिन पर अब तक सिर्फ अँग्रेजी का एकाधिकार था।
ऐसी ही एक दुनिया में हिंदी ने अँग्रेजी के वर्चस्व को तोड़ा है, और वह है हिंदी ब्लॉग की दुनिया। हिंदी में ब्लॉग और ब्लॉगरों की निरंतर बढ़ती हुई संख्या ने नए प्रकार के लेखन और विभिन्न विषयों पर विमर्श को नया मंच प्रदान किया है। अब तक अखबार और पत्र-पत्रिकाएँ ही इसका माध्यम हुआ करते थे, पर वहाँ भी बहुत सारे बंधन और सीमाएँ थीं। लेकिन ब्लॉग के रूप में हिंदी लिखने और पढ़ने वालों के लिए एक खुला आकाश मौजूद है, जहाँ अपने विचार और सृजनधर्मिता को बिना किसी सेंसरशिप के व्यक्त किया जा सकता है। यूनीकोड हिंदी ने हिंदी को यूनीवर्सल कर दिया है। अब दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर इंटरनेट पर अपनी भाषा में अध्ययन और लेखन संभव है।
हिंदी ब्लॉग की दुनिया का बहुत तेजी से विस्तार हो रहा है। वर्तमान में 300 से अधिक ब्लॉग हिंदी में सक्रिय हैं। भारत समेत दुनिया के कोने-कोने से लोग हिंदी ब्लॉग को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बना रहे हैं। पत्रकारों से लेकर शिक्षक, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, निजी कंपनियों के व्यवसायी और यहाँ तक कि गृहणियाँ और विद्यार्थी भी हिंदी ब्लॉग की दुनिया में सक्रिय हैं। पर इनमें पत्रकारों की संख्या अधिक है।
अब प्रश्न उठता है, उन मुद्दों और विषयों का, जिन पर विमर्श और लेखन किया जा रहा है। रचनात्मक साहित्य से लेकर कविता, कहानी, संस्मरण, चिट्ठी-पत्री और भी ऐसी तमाम चीजें लेखन का विषय बन रही हैं। इन ब्लॉगों की विषय-वस्तु और प्रसार के बारे में विभिन्न संदर्भों में चर्चा की जा सकती है।
आगामी शु्क्रवार से हम एक नया स्तंभ शुरू करने जा रहे हैं - ब्लॉग चर्चा। इस स्तंभ में हर शुक्रवार हिंदी के किसी प्रसिद्ध ब्लॉग के बारे में जानकारी दी जाएगी। यदि आपका भी कोई ब्लॉग है, तो आप उसका लिंक और उससे संबंधित जानकारियाँ हमें भेज सकते हैं। हो सकता है, अगली ब्लॉग-चर्चा का विषय आपका ही ब्लॉग हो।
तो फिर इंतजार करिए, अगले शुक्रवार का, और आप भी शिरकत करिए, वेबदुनिया की ब्लॉग-चर्चा में।
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2 comments:
हमारा url भी नजर में रखें कृप्या. :)
तीन दिन के अवकाश (विवाह की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में) एवं कम्प्यूटर पर वायरस के अटैक के कारण टिप्पणी नहीं कर पाने का क्षमापार्थी हूँ. मगर आपको पढ़ रहा हूँ. अच्छा लग रहा है.
वैबदुनिया का यह प्रयास प्रशंसा के योग्य है। खुशी की बात है कि जो हिन्दी आम जीवन में सिमटती जा रही है वही नैट पर फैलती जा रही है।
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