घर के
कामकाज में दिन भर पसीना बहाने वाली महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है। बहुत
जल्द उन्हें भी नौकरीपेशा महिलाओं की तरह घरेलू कामकाज के लिए हर माह वेतन
मिलेगा। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय इस संबंध में जल्द ही एक
प्रस्ताव पेश करने जा रहा है। मंत्रालय की यह कोशिश अगर परवान चढ़ी तो बहुत
जल्द ही पति को अपनी पत्नी को घरेलू कामकाज के लिए भी प्रतिमाह वेतन का
भुगतान करना पड़ेगा।
मंत्रालय में इस प्रस्ताव का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। जल्द ही कैबिनेट में भी इसे पेश किया जाएगा। इस प्रस्ताव के कानून बनते ही हर पति को अपनी पत्नी को हर महीने एक तय तनख्वाह देना कानूनन अनिवार्य हो जाएगा।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ की ओर से यह जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसा कानून लाने की सोच रहा है,जिसके तहत हर पुरुष को अपनी तनख्वाह से एक तय प्रतिशत राशि पत्नी को अदा करना होगा। इसके लिए सरकार एक मानक भी तय करेगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस बाबत अपनी तैयारी शुरू कर दी है। उनके मुताबिक, प्रारूप बनाने के बाद अगले छह महीने के भीतर इस प्रस्ताव को कानून बनाने के लिए संसद में पेश करने की योजना भी है।
गौरतलब है कि देश में लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं शादी के बाद घर-गृहस्थी संभालने में लग जाती हैं। लेकिन इससे उन्हें इसकी सैलरी नहीं मिलती। इसकी गंभीरता का अहसास तब होता है जब किसी कारणवश तलाक होने या पति की मृत्यु के बाद महिला के पास अपने गुजर-बसर के लिए कुछ नहीं रह जाता।
कृष्णा तीरथ का कहना है कि यह कदम महिला सशक्तीकरण के लिए उठाया जा रहा है। मकान या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में महिलाओं के लिए छूट की योजना प्रचलित हो गई है। ठीक इसी तरह इसे भी लागू कराने की कोशिश होगी।
-हर महीने पत्नी के नाम से जमा होगा पैसा
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए कानून के मसौदे के अनुसार, सभी पुरुषों को अपने मासिक वेतन का 10-20 प्रतिशत हिस्सा पत्नी को बतौर तनख्वाह अदा करने की योजना है। इसके तहत एक बेलदार मजदूर से लेकर टॉप कंपनियों में काम करने वाले एक्जीक्यूटिव तक सभी शामिल होंगे। पुरुषों को अपनी पत्नी के लिए बैंक में खाता खुलवाना होगा और हर महीने तय रुपये जमा कराने होंगे। इस खाते से सिर्फ खाताधारक ही पैसे निकाल सकेंगे।
( साभार- जागरण-http://www.jagran.com/news/spotlight-womens-will-get-payment-for-domestic-works-9632569.html )
मंत्रालय में इस प्रस्ताव का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। जल्द ही कैबिनेट में भी इसे पेश किया जाएगा। इस प्रस्ताव के कानून बनते ही हर पति को अपनी पत्नी को हर महीने एक तय तनख्वाह देना कानूनन अनिवार्य हो जाएगा।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ की ओर से यह जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसा कानून लाने की सोच रहा है,जिसके तहत हर पुरुष को अपनी तनख्वाह से एक तय प्रतिशत राशि पत्नी को अदा करना होगा। इसके लिए सरकार एक मानक भी तय करेगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस बाबत अपनी तैयारी शुरू कर दी है। उनके मुताबिक, प्रारूप बनाने के बाद अगले छह महीने के भीतर इस प्रस्ताव को कानून बनाने के लिए संसद में पेश करने की योजना भी है।
गौरतलब है कि देश में लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं शादी के बाद घर-गृहस्थी संभालने में लग जाती हैं। लेकिन इससे उन्हें इसकी सैलरी नहीं मिलती। इसकी गंभीरता का अहसास तब होता है जब किसी कारणवश तलाक होने या पति की मृत्यु के बाद महिला के पास अपने गुजर-बसर के लिए कुछ नहीं रह जाता।
कृष्णा तीरथ का कहना है कि यह कदम महिला सशक्तीकरण के लिए उठाया जा रहा है। मकान या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में महिलाओं के लिए छूट की योजना प्रचलित हो गई है। ठीक इसी तरह इसे भी लागू कराने की कोशिश होगी।
-हर महीने पत्नी के नाम से जमा होगा पैसा
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए कानून के मसौदे के अनुसार, सभी पुरुषों को अपने मासिक वेतन का 10-20 प्रतिशत हिस्सा पत्नी को बतौर तनख्वाह अदा करने की योजना है। इसके तहत एक बेलदार मजदूर से लेकर टॉप कंपनियों में काम करने वाले एक्जीक्यूटिव तक सभी शामिल होंगे। पुरुषों को अपनी पत्नी के लिए बैंक में खाता खुलवाना होगा और हर महीने तय रुपये जमा कराने होंगे। इस खाते से सिर्फ खाताधारक ही पैसे निकाल सकेंगे।
( साभार- जागरण-http://www.jagran.com/news/spotlight-womens-will-get-payment-for-domestic-works-9632569.html )
2 comments:
अच्छी खबर पत्नियों के लिए :)
ऐसे कानूनों से महिला सशक्तिकरण तो कितना होगा पता नहीं पर ये बात पक्का है कि ऐसा कानून बहुतेरे घर उजाड़ने में सहायक जरुर बनेगा|
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