पेट्रोलियम
मंत्रालय इस इसके लिए लेगा सॉफ्टवेयर की मदद
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ग्राहकों से भरवाएंगी केवाईसी फॉर्म
नाम या पते में हेरफेर के जरिए नहीं ले सकेंगे ज्यादा कनेक्शन।
किसी व्यक्ति या एक ही परिवार में एक से ज्यादा गैस कनेक्शन को पकडऩे के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय अब सॉफ्टवेयर का सहारा लेगा। इसके लिए नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित कर चुका है।
अब इंतजार किया जा रहा है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अपने रसोई गैस के ग्राहकों से नो योर कस्टमर (केवाईसी) फार्म भरवा ले। उसके बाद यह कार्रवाई शुरू होगी।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक गैस कनेक्शन कोई नई बात नहीं है। इस पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है।
उनके मुताबिक इस तरह का काम ज्यादातर पढ़े लिखे लोग करते हैं इसलिए कुछ इस तरह से नाम-पता लिख कर कनेक्शन लेते हैं कि उसे कंप्यूटर पकड़ नहीं पाता था। कुछ डीलरों को इस बात की जानकारी होती है, लेकिन वह भी इन्हीं उपभोक्ताओं के नाम पर साल में सैकड़ों सिलेंडर बुक कर ब्लैक में बेचता है इसलिए ऑयल मार्केटिंग कंपनी के साथ सहयोग नहीं करता है, इसलिए मंत्रालय ने एनआईसी से एक विशेष सॉफ्टवेयर बनवाया है।
अब इस सॉफ्टवेयर के जरिये फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राहकों ढूंढा जाएगा। सरकारी तेल कंपनी में पदस्थापित एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 'फर्जी लॉजिक' नाम के इस सॉफ्टवेयर में आईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल के उपभोक्ताओं का डाटा बेस डाला जाएगा। फिर इलाके के हिसाब से ग्राहकों का डाटा बेस चेक किया जाएगा।
यदि कोई व्यक्ति अपने नाम में हेरफेर कर कई कनेक्शन ले रखा है या फिर अपने पते में हेर फेर कर भी कनेक्शन ले रखा है तो भी यह सॉफ्टवेयर यह फर्जीवाड़ा पकड़ लेगा। उसके बाद जिस कंपनी से भी कनेक्शन लिया गया होगा, वहां से अलग अलग नोटिस भेजा जाएगा। यदि उस पर भी उपभोक्ता अतिरिक्त कनेक्शन सरेंडर नहीं करता है तो फिर उनके यहां जिस भी कंपनी के जितने कनेक्शन होंगे, सभी को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
( http://business.bhaskar.com/article/more-than-one-gas-connection-screws-3814958-NOR.html?PRVNX=)
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ग्राहकों से भरवाएंगी केवाईसी फॉर्म
नाम या पते में हेरफेर के जरिए नहीं ले सकेंगे ज्यादा कनेक्शन।
किसी व्यक्ति या एक ही परिवार में एक से ज्यादा गैस कनेक्शन को पकडऩे के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय अब सॉफ्टवेयर का सहारा लेगा। इसके लिए नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित कर चुका है।
अब इंतजार किया जा रहा है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) अपने रसोई गैस के ग्राहकों से नो योर कस्टमर (केवाईसी) फार्म भरवा ले। उसके बाद यह कार्रवाई शुरू होगी।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक गैस कनेक्शन कोई नई बात नहीं है। इस पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है।
उनके मुताबिक इस तरह का काम ज्यादातर पढ़े लिखे लोग करते हैं इसलिए कुछ इस तरह से नाम-पता लिख कर कनेक्शन लेते हैं कि उसे कंप्यूटर पकड़ नहीं पाता था। कुछ डीलरों को इस बात की जानकारी होती है, लेकिन वह भी इन्हीं उपभोक्ताओं के नाम पर साल में सैकड़ों सिलेंडर बुक कर ब्लैक में बेचता है इसलिए ऑयल मार्केटिंग कंपनी के साथ सहयोग नहीं करता है, इसलिए मंत्रालय ने एनआईसी से एक विशेष सॉफ्टवेयर बनवाया है।
अब इस सॉफ्टवेयर के जरिये फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राहकों ढूंढा जाएगा। सरकारी तेल कंपनी में पदस्थापित एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 'फर्जी लॉजिक' नाम के इस सॉफ्टवेयर में आईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल के उपभोक्ताओं का डाटा बेस डाला जाएगा। फिर इलाके के हिसाब से ग्राहकों का डाटा बेस चेक किया जाएगा।
यदि कोई व्यक्ति अपने नाम में हेरफेर कर कई कनेक्शन ले रखा है या फिर अपने पते में हेर फेर कर भी कनेक्शन ले रखा है तो भी यह सॉफ्टवेयर यह फर्जीवाड़ा पकड़ लेगा। उसके बाद जिस कंपनी से भी कनेक्शन लिया गया होगा, वहां से अलग अलग नोटिस भेजा जाएगा। यदि उस पर भी उपभोक्ता अतिरिक्त कनेक्शन सरेंडर नहीं करता है तो फिर उनके यहां जिस भी कंपनी के जितने कनेक्शन होंगे, सभी को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
( http://business.bhaskar.com/article/more-than-one-gas-connection-screws-3814958-NOR.html?PRVNX=)
3 comments:
अच्छा प्रयास..
पर क्या कोई शौक से अधिक कनेक्शन रखता है. सरकार को जरुरत का भी ख्याल रखना चाहिए.
पर क्या कोई शौक से अधिक कनेक्शन रखता है. सरकार को जरुरत का भी ख्याल रखना चाहिए.
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