Wednesday, 30 May 2007

अमिताभ पर फैसला

यूपी में पूर्ववर्ती मुलायम सिंह यादव सरकार के कार्यकाल के दौरान लैंड अलॉटमेंट को लेकर उठे विवाद में उलझे सुपर स्टार अमिताभ बच्चन का कहना है कि वह इस मामले की जांच के लिए तैयार हैं। इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अमिताभ ने कहा - मैं कानून का पालन करता हूं और कानून जो भी कहेगा, मैं मानूंगा। अगर मैं गलत साबित होता हूं, तो मैं सजा भुगतने के लिए तैयार हूं। अमिताभ ने एनडीटीवी से कहा -अगर सब कुछ ठीक रहा, तो मैं आपको धन्यवाद कहूंगा। अमिताभ ने बाराबंकी जिले में लैंड अलॉटमेंट की वैधता की जांच कराने के मायावती सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार ने संपत्ति के जो कागज उन्हें दिए थे, वह नियमानुसार हैं। उन्होंने कहा -अब सरकार कहती है कि इसकी जांच की जानी चाहिए, तो मैं तैयार हूं। बीएसपी सरकार ने बाराबंकी डिसट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट से भूमि आवंटन मामले की जांच करने के लिए कहा है। मैजिस्ट्रेट अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं। उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही 'बिग बी' के सितारे भी गर्दिश की ओर रुख करने लगे हैं। कल तक यूपी के रोल मॉडल अमिताभ बच्चन को अब जांचों ने आ घेरा है। मुलायम सिंह की नजदीकियों के चलते फिल्मी स्टाइल में किसान बने अमिताभ को बेनकाब करने की मुहिम शुरू हो गई है। दरअसल बिग बी महाराष्ट्र के पुणे जिले के मॉवल क्षेत्र में फार्महाउस बनाना चाहते थे। महाराष्ट्र के कानून के तहत वहां कोई किसान ही कृषि भूमि खरीद सकता है। महाराष्ट्र सरकार की इस नीति के चलते ही बिग बी को यूपी का किसान घोषित करने की साजिश शुरू की गई। बाराबंकी के तत्कालीन डीएम आशीष गोयल से अमर सिंह के बड़े भाई अमिताभ बच्चन के लिए किसान का सर्टिफिकेट जारी करने को कहा गया। आशीष गोयल द्वारा ऐसा करने से इनकार करने पर उन्हें तत्काल हटाकर रमा शंकर साहू को बाराबंकी का डीएम तैनात किया गया। रमा शंकर के डीएम बनने पर अमिताभ बच्चन की पावर ऑफ अटॉर्नी पर अपील की गई कि उनके किसान होने के दावे को तत्कालीन डीएम ने उनका पक्ष सुने बिना ही फैसला सुना दिया। डीएम रमा शंकर साहू ने जांच शुरू की और अपने अधीनस्थ एसडीएम फतेहपुर महेंद्र सिंह और तहसीलदार अजय कुमार श्रीवास्तव पर दबाव डालकर यह लिखवा लिया कि अमिताभ बच्चन खसरा संख्या 702 के क्षेत्रफल 2-1-9 पर काबिज हैं और मामले के अंतिम निस्तारण के लिए अपील को कमिश्नर फैजाबाद के कोर्ट में प्रेषित कर दिया। दरअसल यूपी सरकार यही चाहती थी कि डीएम बाराबंकी के यहां से पुणे के एसडीएम को यह सर्टिफिकेट चला जाए कि वह वहां के किसान हैं। इसी साजिश के तहत डीएम रमाशंकर ने ऐसा प्रमाणपत्र पुणे के एसडीएम को भेज दिया, ताकि अमिताभ वहां फार्महाउस बना सकें। इसके बाद डीएम की योजना थी कि अमिताभ के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई करके मामला साफ कर दिया जाएगा, लेकिन इस बीच सरकार चली गई और मामला अटक गया। फिलहाल मामला कमिश्नर फैजाबाद के यहां विचाराधीन है और प्रदेश सरकार के रवैए को देखते हुए माना जा रहा है कि मायावती बिग बी को बताएंगी की यूपी में कहां है जुर्म। अमिताभ बच्चन के जमीन विवाद संबंधी निगरानी याचिका पर डिप्टी कमिश्नर की कोर्ट में बहस मंगलवार को पूरी हो गई। फैसला गुरुवार को आने की संभावना है। डिप्टी कमिश्नर विद्या प्रसाद ने सरकारी वकील से मामले के दस्तावेज बुधवार तक देने को कहा है। अमिताभ बाराबंकी जिले की फतेहपुर तहसील के दौलतपुर गांव में जमीन को लेकर विवादों में हैं। इस बीच अमिताभ महाराष्ट्र में भी जमीन सौदे में उलझ सकते हैं। मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने कहा कि राज्य सरकार यूपी से रिपोर्ट मांगेगी और फिर पुणे जिले के एक जमीन सौदे में कार्रवाई करेगी। महाराष्ट्र के कानून के अनुसार सिर्फ किसान ही कृषि भूमि खरीद सकते हैं। अमिताभ अगर अपने को किसान साबित नहीं कर पाए तो उन्हें पुणे में 24 एकड़ भूमि से हाथ धोना पड़ सकता है।

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