Saturday, 9 June 2007
विश्व के सात आश्चर्यो में ताजमहल
दुनिया में मुहब्बत का पैगाम देने वाले ताजमहल को अगर आप विश्व के सात आश्चर्यो की सूची में शामिल देखना चाहते हैं तो आज से ही आप अपने मोबाइल पर एसएमएस तथा फोन या इंटरनेट के जरिए उसके पक्ष में अभियान चलाना शुरू कर दीजिए। आपका बेशकीमती वोट ताजमहल को दुनिया के नए सात आश्चर्यो की सूची में डाल सकता है। आप देर न कीजिए। अब आपके लिए केवल एक महीना बचा है। सात जुलाई को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में ताजमहल की तकदीर का फैसला हो जाएगा, क्योंकि दुनिया के सात आश्चर्यो की सूची में कई नए स्थल शामिल हो सकते हैं और हट भी सकते हैं। इस अनोखे एवं दिलचस्प चुनाव में विश्व के 20 ऐतिहासिक स्थल दौड़ में शामिल हैं। इनमें से सात स्थलों का चुनाव होना है। इसमें दुनियाभर के लोग अपना मतदान कर रहे हैं। अब तक पांच करोड़ लोगों ने मतदान किया है। जिस एतिहासिक स्थल को अधिक वोट मिलेंगे वे सात आश्चर्यो की सूची में फिर से शामिल होंगे। इन बीस एतिहासिक स्थलों में चीन की लंबी दीवार, एफिल टावर, माच्चू मिच्चू का शिखर, अंगकोटरवाट, क्रेमलिन तथा स्टेचू आफ लिबर्टी, सिडनी का ओपेरा हाउस आदि शामिल हैं। अगर आपने ताजमहल के पक्ष में मतदान नहीं किया तो आप यह ऐतिहासिक अवसर गवां देंगे। इसलिए न केवल आप वोट करें, बल्कि अपने घर के सदस्यों, पड़ोसियों और मुहल्ले तथा दफ्तर के लोगों को भी वोट डालने को प्रेरित करें। आपका वोट ताजमहल की रक्षा करेगा और तब आप फº से कह सकेंगे, दुनिया से सात अजूबों में ताजमहल भी हैं। दुनिया में मोहब्बत का पैगाम देने वाले खूबसूरत स्मारक ताजमहल को विश्व के सात अजूबों में शामिल करने के अभियान की आज उलटी गिनती शुरू हो गई है। अगर आप ताजमहल की खूबसूरती से मुतासिर हैं, तो आप अपने मोबाइल पर ताज टाइप कर 4567 पर एसएमएस करें। आपका बेशकीमती वोट ताज को बचाएगा और वह दुनिया के सात अजूबों में शामिल होकर भारत का नाम रोशन करेगा। आपके पास अब सिर्फ 28 दिन बचे हैं। सात जुलाई को ताजमहल की तकदीर का फैसला होने वाला है। आप अपने टेलीफोन से ताज के लिए फोन भी कर सकते हैं। ताज का टेलीफोन कोड-20 है और अंतरराष्ट्रीय नम्बर 423663900299 और 448700623748 है। आप चाहें तो इंटरनेट पर www.new7wonders.com टाइप कर अपना नाम पंजीकृत करा सकते हैं और सात विकल्पों में से ताज के पक्ष में वोट कर सकते हैं। सात अजूबों की सूची में स्थान पाने की होड़ में अब 20 ऐतिहासिक स्थल शामिल है। ताज अभी 10 ऐतिहासिक स्थलों में सूची में पहुँच गया है। अजूबों की दौड़ में अब भी है ताज ताज महल के नामांकन के समय ऐश्वर्या राय प्रचार के लिए पहुँची थीं लगता है कि ताज महल दुनिया के सात आश्चर्यों की नई सूची में भी अपनी जगह क़ायम रखने में कामयाब हो जाएगा. अब तक वह पहले सात में जगह बनाए हुए है. दुनिया के सात आश्चर्यों की नई सूची बनाने के लिए दुनिया भर के लोग वोट दे रहे हैं. 31 जनवरी तक मिले वोटों के मुताबिक़ पहले 21 स्मारकों में से ताज पहले सात में है. इस समय अंतिम सात में जिन स्मारकों के नाम हैं उनमें ताज महल के अलावा इटली का कोलोसियम, ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना, माचु पिच्चु, पेट्रा, गीज़ा के पिरामिड और इस्टर्न आइलैंड की मूर्तियाँ शामिल हैं. नए आश्चर्यो के अंतिम नतीजे आएँगे सात जुलाई 2007 को होना है यानी 07.07.07 को. ताज महल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में 17वीं शताब्दी में करवाया था. सफ़ेद संगमरमर से बने इस स्मारक को दुनिया भर में प्रेम के प्रतीक के रुप में देखा जाता है. प्रतियोगिता यह प्रतियोगिता करवा रही है न्यू सेवन वंडर्स डॉट कॉम नाम की वेबसाइट. इसके लिए आयोजकों ने बाक़ायदा एक सूची तैयार की थी. इस सूची में शुरु में 77 नाम थे जो दुनिया भर के लोगों के मतों के आधार पर 21 स्मारकों तक आ गए. 31 जनवरी तक मिले मतों के आधार पर एक सूची वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है. वेबसाइट के मुताबिक़ अगली सूची सात मार्च को प्रकाशित की जाएगी. इस बीच आयोजकों का एक एयरशिप प्रचार भी कर रहा है. जिसकी शुरुआत ग्रीस से हुई थी और यह एयरशिप ताजमहल के ऊपर से पाँच दिसंबर को गुज़रा था. वैसे जब इस प्रतियोगिता के लिए ताज महल का नामांकन किया गया था तो बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय इसके प्रचार के लिए वहाँ पहुँचीं थीं. ताज पर वक्फ़ का दावा ख़ारिज ताज महल पिछले दिनों बड़े विवाद में रहा है भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के सुन्नी मुस्लिम वक्फ़ बोर्ड के उस दावे को ख़ारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि ताजमहल को उसकी संपत्ति के रूप में दर्ज कर दिया जाए. भारत के क़ानून मंत्री एचआर भारद्वाज ने बोर्ड के इस दावे को निराधार बताते हुए कहा कि ताजमहल भारत की राष्ट्रीय संपदा है. वक्फ़ बोर्ड ने कहा था कि चूँकि प्रदेश में तमाम क़ब्रों की देखरेख की ज़िम्मेदारी उसी की है इसलिए ताजमहल को भी उसे ही सौंप दिया जाना चाहिए. ग़ौरतलब है कि ताजमहल शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था जहाँ उन दोनों को साथ-साथ दफ़नाया भी गया है. ताजमहल की ज़िम्मेदारी 1920 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास है और तभी से विभाग इसकी पूरी देखरेख करता आया है. विधि मंत्री भारद्वाज ने कहा, "किसी और संस्था को ताजमहल की देखरेख करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इसकी अच्छी तरह देखभाल कर रहा है." शाहजहाँ ने जब ताजमहल बनवाया था तो सरकारी दस्तावेज़ों में इसके बारे में एक बादशाहनामा दर्ज किया गया था. उसने आगरा के आसपास के 80 गाँवों का एक वक्फ़ यानी ट्रस्ट बनाया था. इन गाँवों से लगान आदि के रुप में होने वाली आय से ताजमहल में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. उस समय की व्यवस्था के अनुसार ताजमहल का मुतवल्ली यानी मैनेजर मुग़ल बादशाह को नियुक्त किया गया था. वक्फ़ बोर्ड ने ताजमहल को अपनी संपत्ति बताया इस लिहाज़ से देखें तो इस पर दो दृष्टिकोण हो सकते हैं. एक तो ये कि ताजमहल उसी के अधिकार में रहेगा जिसकी हुकूमत होगी, और दूसरा ये कि इसे किसी सरकारी वक्फ़ बोर्ड को दे दिया जाए. क़ानून लेकिन इसके लिए कोई भी क़दम प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम के तहत उठाना ज़्यादा अच्छा होगा. यह अधिनियम पहले 1904 में बना था और 1958 में इसमें संशोधन किया गया. इस क़ानून के अनुसार जिन स्मारकों का उस समय सरकार ने अधिग्रहण कर लिया था वही स्थिति अब भी जारी रहनी चाहिए. और जहाँ तक ऐतिहासिक स्मारकों का सवाल है तो वहाँ धर्म का सवाल ही नहीं है. क़ानून में कहा गया है कि जिन स्मारकों में पूजा पाठ नहीं होता उसे इसके लिए नहीं खोला जा सकता. ये और बात है कि सरकार ने ख़ुद इस क़ानून को तोड़ा और 1986 में बाबरी मस्जिद का ताला खोल दिया. जब सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ने इस पर अपना दावा जताया था तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को इसे हाईकोर्ट में चुनौती देनी चाहिए थी. और यदि शिया-सुन्नी का सवाल आएगा तो यह भी तो पूछा जाएगा कि मुमताज महल शिया थीं या सुन्नी. दुनिया के सात नए अजूबे कौन से? दुनिया भर से लोग ताजमहल देखने आते हैं दुनिया के सात अजूबे हर किसी के लिए हमेशा ही दिलचस्पी का केंद्र रहते हैं और सात अजूबों को अपनी राय के ज़रिए चुनने के लिए इस बार लोगों मौक़ा भी मिल रहा है. स्विटज़रलैंड के एक निजी संगठन - द न्यू 7 वंडर्स फ़ाउंडेशन यानी नए सात आश्चर्य संस्थान ने दुनिया भर से 21 अजूबों को चुना है जिनमें से लोगों को मतदान के ज़रिए सात अजूबों को चुनने का मौक़ा दिया जा रहा है. 21 अजूबों की सूची में भारत से सिर्फ़ ताजमहल ने जगह पाई है. इस संस्थान के सदस्यों में यूनेस्को के पूर्व अध्यक्ष भी शामिल हैं. साल 2005 में दुनिया भर के अजूबों के बारे में लोगों की राय मांगी गई थी जिनमें से विशेषज्ञों ने 21 को चुना और उनमें से अंतिम रूप से सात को चुना जाएगा और इसके लिए साल 2006 में लोगों की राय ली जाएगी. 21 अजूबों की सूची में ताजमहल, चीन की महान दीवार वग़ैरा शामिल हैं. लोगों की राय के आधार पर ही दुनिया के सात अजूबों को एक जनवरी 2007 को घोषित किया जाएगा. संस्थान टेलीफ़ोन के ज़रिए लोगों से अजूबों की पसंद बताने के लिए अनुरोध कर रहा है और इस बारे में विस्तृत जानकारी उनकी वेबसाइट पर दी गई है. इससे जो धन इकट्ठा होगा उसमें से आधी रक़म संस्थान के विरासत को सहेजकर रखने के प्रयासों पर ख़र्च की जाएगी. आधुनिक अजूबे इस सूची में आधुनिक काल के भी अनेक अजूबों ने जगह पाई है, मसलन, पेरिस का एफ़िल टॉवर, न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी और सिडनी का ओपेरा हाउस वग़ैरा. प्राचीन दुनिया के सात अजूबों का चयन एक ग्रीक दार्शनिक फ़िलों ने क़रीब दो हज़ार साल पहले किया था. उन्होंने जिन अजूबों को चुना था वे सभी भूमध्य क्षेत्र में स्थित थे. नई सूची में जगह पाने के लिए किसी भी अजूबे का मानव निर्मित होना आवश्यक है और वह धरोहर की 'स्वीकार्य' स्थिति में होना चाहिए. न्यू सेवन वंडर्स फ़ाउंडेशन का कहना है कि वह इस अभियान को लोगों में सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चला रहा है.
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