Monday, 25 June 2007

गुर्जर महापंचायत की धमकी

गुर्जर समुदाय ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार द्वारा नियत तीन महीने और तीन दिन के अंदर गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग के तहत आरक्षण की सिफारिश नहीं की गई तो राष्ट्रीय स्तर पर शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। अगस्त में राजस्थान के झालावाड़ व धौलपुर में पुन: गुर्जर महापंचायत होगी। महापंचायत में पास प्रस्तावों के बारे में एक बड़े गुर्जर नेता ने कहा, वसुंधरा राजे को नैतिक आधार पर पद छोड़ देना चाहिए, नहीं तो हमें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बात करनी होगी और उनसे हस्तक्षेप के लिए कहना होगा। यह भी कहा गया कि हाल में गुर्जर आंदोलन के दौरान 26 लोगों की मौत के लिए राजे ही जिम्मेदार हैं। राजस्थान गुर्जर आरक्षण संयुक्त मोर्चा के बैनर तले रविवार को यहां शांतिपूर्वक संपन्न हुई राष्ट्रीय गुर्जर महापंचायत में एक स्वर से आरक्षण आंदोलन को गैर राजनीतिक आधार पर चलाने का वायदा किया गया। बैठक में कहा गया कि जब तक गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग के तहत आरक्षण नहीं मिल जाएगा तब तक गुर्जर समाज चुप नहीं बैठेगा। महापंचायत ने आंदोलन को गति देने के लिए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में 15 सदस्यीय संघर्ष समिति गठित की। महापंचायत में 29 जून से चार जुलाई तक देश भर में श्रद्धांजलि सप्ताह मनाए जाने की घोषणा करते हुए कहा गया कि अगस्त में राजस्थान के झालावाड़ और धौलपुर में पुन: गुर्जर महापंचायत होगी। आंदोलन की रणनीति की घोषणा के लिए अगस्त के अंत या सितंबर के पहले सप्ताह में बैठक होगी। बैठक में एक मत से राजस्थान में आंदोलन के दौरान बेगुनाह 26 लोगों के मारे जाने के लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जिम्मेदार ठहराते हुए नैतिक आधार पर उनका त्यागपत्र मांगा गया। सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में राजस्थान में हुए आंदोलन के पहले दिन पुलिस फायरिंग की घटना की न्यायिक जांच कराने और आंदोलन के दौरान मारे गए 26 लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की गई। महापंचायत में बैंसला ने राजनीतिक नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि मेरे काम में दखल देंगे तो मैं उसे बर्दाश्त नहीं करूंगा, मुझे काम करने दो, तीन महीने तीन दिन राजस्थान सरकार के हैं और चौथा दिन गुर्जर समुदाय का है। उन्होंने कभी भी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि आंदोलन के दौरान राजस्थान में पिछले दिनों मारे गए 26 बेगुनाह लोगों को श्रद्धांजलि तभी होगी जब गुर्जर लोगों को अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण दिया जाएगा। कांग्रेस सांसद सचिन पायलट, अवतार सिंह भड़ाना, राजस्थान गुर्जर आरक्षण संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष गोविंद सिंह गुर्जर समेत अन्य वक्ताओं ने गुर्जर समाज से आपसी मतभेद भुलाने का आह्वान करते हुए आरक्षण पाने के लिए एकजुट होने की अपील की। गुर्जर नेताओं ने राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए राजस्थान के दो कैबिनेट मंत्री डा. किरोड़ी लाल मीणा और वीरेंद्र मीणा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने वसुंधरा राजे से नैतिक आधार पर तुरंत अपने पद से त्यागपत्र देने और दोनों मंत्रियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। देशभर से आए गुर्जर प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए गुर्जर नेताओं ने समाज में मतभेद होने की बात स्वीकार की और कहा कि यदि समाज एकमत होता तो गुर्जरों को आरक्षण पहले ही मिल गया होता। कांग्रेस सांसद सचिन पायलट ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन को गैर राजनीतिक आधार पर संचालित करते हुए आरक्षण लेने के लिए ठोस कार्यक्रम शुरू करने पर जोर दिया। कांग्रेस के एक अन्य सांसद अवतार सिंह भड़ाना ने कहा कि जब तक गुर्जर समाज एकजुट नहीं होगा और राजनीतिक हितों को छोड़कर समाज हितों के बारे में नहीं सोचेगा तब तक लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा। महापंचायत को गोविंद सिंह गुर्जर, रमा पायलट, गुजरात के महापौर हिम्मत सिंह, गुर्जर नेता रामवीर विधूड़ी, अतर ंिसंह भड़ाना, प्रहलाद गुंजल और हिमाचल प्रदेश के मंत्री राव रंगीला राम व पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर ने भी संबोधित किया। महापंचायत में आए प्रदेश भर के गुर्जर नेताओं ने राजस्थान में हुए आंदोलन के दौरान मारे गए 26 लोगों और घायलों के परिजनों और आरक्षण आंदोलन को चलाने के लिए करीब 70 लाख रुपये की राशि दी। गुर्जर राष्ट्रीय महापंचायत ने सर्वसम्मति से पारित हुए प्रस्ताव के तहत कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और राजस्थान सरकार के बीच गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग में आरक्षण देने के मुद्दे पर हुए समझौते पर सहमति जताई। महापंचायत ने राजस्थान सरकार द्वारा तय समय में गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग में आरक्षण देने की सिफारिश नहीं करने की स्थिति में आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से देशव्यापी स्तर पर चलाने, आंदोलन के दौरान मारे गए 26 बेगुनाह लोगों की हत्या करने वाले लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने, गोली कांड की न्यायिक जांच कराने और गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग में आरक्षण देने के मुद्दे पर राजस्थान सरकार द्वारा गठित जसराज चोपड़ा समिति के समक्ष समाज का पक्ष मजबूती से रखने का प्रस्ताव भी ध्वनिमत से पारित किया गया।

1 comment:

रवि रतलामी said...

मंधाता जी,
आपका आलेख विचारोत्तोजक है.

अपने आलेख को छोटे-छोटे पैराग्राफ में तोड़ दें तो पठन-पाठन में सुविधा होगी. इसके लिए जहाँ पैराग्राफ तोड़ना है, वहाँ दो बार एन्टर बटन दबा दें.

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